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पृष्ठ:शिवसिंह सरोज.djvu/६

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दास भिखारीदास पृष्ठ ४३२

इनके ग्रंथ से ही जान पड़ता है कि यह अरवर, जिला प्रताप- गढ़ के निवासी थे । इनके विषणुपुराण और नामप्रकाश, ये दो ग्रंथ और मिले हैं । घारावहार नाम का कोई ग्रंथ नहीं मिलता। शायद नामप्रकाश ही का दूसरा नाम घारावहार हो । इनका जन्म काल १७५५ के लगभग होगा।

दूलह कषि पृष्ठ ४३३

इनका जन्म संवत् १८०३ ग़लत है । क्योंकि इनके पिता कवीन्द्र के जन्म का संवत् इसी ग्रंथ में १८०४ दिया हुआ है । अनु- मान से इनका जन्म संवत् १७७७ के लगभग होना चाहिए; क्योंकि इनके पितामह कालिदास का जन्मकाल १७१० के लगभग है । और इनके पिता कवीन्द्र का जन्म-काल १७३६ के लगभग है। ।

देव कावि पृष्ठ ४३४

इनका जन्म-संवत् अनुमान से १७३० होना चाहिए ।

देवकीनन्दन पृष्ठ ४३५

इनके सर्फ़राज़चंद्रिका नामक एक और ग्रंथ का पता लगा है।

धनीराम पृष्ठ ४३६

इनका जन्म-काल १८४० के लगभग होना चाहिए।

नागरीदास पृष्ठ ४३९

डा० ग्रियर्सन ने १५९१ और शिवसिंह ने १६४८ इनका जन्म- संवत् माना है । पर दोनों ही ठीक नहीं जान पड़ते । १७५६ होना चाहिए।

नीलकण्ठ त्रिपाठी पृष्ठ ४४२

इनका जन्म-संवत् १७३० गलत है,१६६२के लगभग होना चाहिए।

पदमाकर पृष्ठ ४४५

इनका जन्म-काल १८१० होना चाहिए।

परतापसाहि पृष्ठ ४४५

यह चरखारी के राजा विक्रमंसाहि के यहाँ थे, छत्रसाल के यहाँ नहीं । छत्रसाल तो इनके समय से १०० वर्ष पहले ही मर गये थें ।