( ३ )
दास भिखारीदास पृष्ठ ४३२
इनके ग्रंथ से ही जान पड़ता है कि यह अरवर, जिला प्रताप- गढ़ के निवासी थे । इनके विषणुपुराण और नामप्रकाश, ये दो ग्रंथ और मिले हैं । घारावहार नाम का कोई ग्रंथ नहीं मिलता। शायद नामप्रकाश ही का दूसरा नाम घारावहार हो । इनका जन्म काल १७५५ के लगभग होगा।
दूलह कषि पृष्ठ ४३३
इनका जन्म संवत् १८०३ ग़लत है । क्योंकि इनके पिता कवीन्द्र के जन्म का संवत् इसी ग्रंथ में १८०४ दिया हुआ है । अनु- मान से इनका जन्म संवत् १७७७ के लगभग होना चाहिए; क्योंकि इनके पितामह कालिदास का जन्मकाल १७१० के लगभग है । और इनके पिता कवीन्द्र का जन्म-काल १७३६ के लगभग है। ।
देव कावि पृष्ठ ४३४
इनका जन्म-संवत् अनुमान से १७३० होना चाहिए ।
देवकीनन्दन पृष्ठ ४३५
इनके सर्फ़राज़चंद्रिका नामक एक और ग्रंथ का पता लगा है।
धनीराम पृष्ठ ४३६
इनका जन्म-काल १८४० के लगभग होना चाहिए।
नागरीदास पृष्ठ ४३९
डा० ग्रियर्सन ने १५९१ और शिवसिंह ने १६४८ इनका जन्म- संवत् माना है । पर दोनों ही ठीक नहीं जान पड़ते । १७५६ होना चाहिए।
नीलकण्ठ त्रिपाठी पृष्ठ ४४२
इनका जन्म-संवत् १७३० गलत है,१६६२के लगभग होना चाहिए।
पदमाकर पृष्ठ ४४५
इनका जन्म-काल १८१० होना चाहिए।
परतापसाहि पृष्ठ ४४५
यह चरखारी के राजा विक्रमंसाहि के यहाँ थे, छत्रसाल के यहाँ नहीं । छत्रसाल तो इनके समय से १०० वर्ष पहले ही मर गये थें ।