पृष्ठ:श्रीभक्तमाल.pdf/७१

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.५२ श्रीभक्तमाल सटीक। 4 . . . . . . . . . .. . .. ... .. 4 .14 Hear t14...40AuguM १ ऊर्दु ध्वरेखा (अथ चिह्नों के स्थान) भक्तवत्सल श्रीजानकीवर के दक्षिण पद की रेखाएँ। २४ जयमाल १३ जव ( अंगूठी में) । २३ नर १२ वन २२ छत्र २१ चामर १० कमल २० यमदण्ड ९ अम्बर १९ सिहासन ८ शर १८ चक्र ७ शेष १७ मुकुट ६ मूसल १६ध्वजा ५हल १५ अकुश ४ लक्ष्मी १४ कल्पतरु ३ अष्टकोण २ स्वस्तिक (कवित्त ) “वाम पद, सरयू, गोपद, मही, कलश, पताका, जम्बू- फल, अर्द्ध चन्द्र, शंख, राजहीं । षटकोण, तीनकोण, गदा, जीव, विन्दु, शक्ति, सुधाकुण्ड, त्रिवली, प्रताप, सुर गाजहीं ॥ मीन, पूर्णचन्द्र अरु वीणा अपि, बंशी पुनि धनुष, तुपीर, इंस, चन्द्रिका, विराजहीं। एते चिह्न श्रीसियपिय पदपंकज के, “तपसी मंगलमूल, सब सुख साजहीं ।।२।। श्रीचरण-चिह्न-चित्र देखिये ।। (अथ चिह्नों के स्थान) दीनबन्धु श्रीजानकीवर के वामपद की रेखाएँ। ३७ बिन्दु (अँगूठे मे) । ४८ चन्द्रिका ३६ जीव ४७ हँस ३५ गदा ४६ तूणीर ३४ तीन कोण ४५ धनुष ३३ षट्कोण ४४ वंशी ३२ शख ३१ अर्धचन्द्र ४३ वीणा ४२ पूर्णचन्द्र ३० जम्बूफल ४१ मीन २९ पताका ४० त्रिवली २८ कलश ३९ सुधाकुण्ड २७ भूमि ३८ शक्ति २६ गोपद - २५ सरयू -- - -