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पृष्ठ:संकलन.djvu/१०

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० बचे तो रविवार ४ बचे तो गुरुवार
{{{1}}} सोमवार {{{1}}} शुक्रवार
{{{1}}} मङ्गलवार {{{1}}} शनिवार
{{{1}}} बुधवार होगा।

उदाहरण—कल्पना करो कि आज सन् १९०१ के दिसम्बर की १८ तारीख़ है; और आज बुधवार है। आज समेत इस वर्ष के ३५२ दिन हुए। इन दिनों में १९०१ के पिछले सन् १९०० का सवाया (१९००+४७५) २३७५ जोड़ने से २७२७ हुए। १९०० तक १९ शतक हुए, जिनमें से ४ शतक अर्थात् चौथा, आठवाँ, बारहवाँ और सोलहवाँ ४०० से कट जाता है, इसलिए १९ में से ४ निकालने पर १५ बचे। इन १५ को पहले जोड़ २७२७ में से घटाने से २७१२ हुए। इन २७१२ में ७ का भाग देने से—

७ ) २७१२ ( ३८७
७ ) २७२१
७ ) २७१——
६१
५६
५२
४९

३ बचे। ३ बचने से बुधवार होता है। और आज बुधवार ही है, इसलिए दिन निकालने की यह रीति ठीक है। [फरवरी १९०३.