पृष्ठ:संकलन.djvu/१३९

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जब से ईजिपृ की राजधानी केरो से सईद बन्दर तक रेल बन गई है, तबसे सईद बन्दर पर काम बहुत बढ़ गया है। क्योंकि ईजिपृ का सब माल वहीं उतरता-चढ़ता हैं। इसलिए कई नये बन्दरगाह बनाने की जरूरत पड़ी है। इनमें से एक तो शीघ्र ही तैयार होनेवाला है। बाक़ी इसके बाद बनाये जायँगे। इसके लिए ईजिपृ की गवर्नमेंट ने ३५८ एकड़ ज़मीन नहर के अधिकारियों को दी है। दूसरी ओर अर्थात् एशिया की तरफ़ भी, कई बन्दरगाह, कोठियाँ और गोदाम बननेवाले हैं, क्योंकि योरप और एशिया की आमद-रफ्त़ दिन पर दिन बढ़ती जाती है।

नहर की उन्नति का काम धड़ाधड़ जारी है। १८९६ से अब तक २,१६,००,००० रुपये नहर को चौड़ा और गहरा करने में लगे हैं। नहर के एक सिरे से दूसरे सिरे तक बीस से अधिक स्टेशन बन गये हैं। टेढ़ी मेढ़ी और ऊँची नीची जगह बराबर कर दी गई है। तीन तीन मील की दूरी पर जहाज़ों के एक दूसरे को पार करने के लिए नाके बनाये गये हैं। इस बीच में नहर के नौकरों की दशा भी बहुत सुधर गई है। वहाँ मच्छड़ और बुख़ार की इतनी अधिकता थी कि लोग उन के मारे बारहों मास तङ्ग रहते थे। पर अब उनका कहीं नामो- निशान नहीं। पहले की अपेक्षा अब वहाँ सफ़ाई भी खूब रहती है। एक बड़ा भारी अस्पताल और कई औषधालय भी खोले गये हैं। वहाँ लोगों की चिकित्सा मुफ्त़ की जाती है।

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