के प्रत्येक कमरे में आवश्यकीय और सजावट का कितना
सामान है, यदि इसका संक्षिप्त वर्णन भी किया जाय तो भी
लेख बहुत बढ़ जायगा, इसलिए इस विषय में केवल इतना ही
कहना काफी है कि हिन्दुस्तान के बड़े से बड़े कालेज को जो
सामान नसीब नहीं, वह सब अमेरिका के छोटे से गाँव केम्ब्रिज
के स्कूल में विद्यमान है।
स्कूल में सब मिला कर एक सौ सत्रह लड़के और एक सौ अड़तीस लड़कियाँ हैं। उन्हें पढ़ाने के लिए स्कूल में बारह शिक्षक नियत हैं। उनके सिवा दो शिक्षक और भी हैं; एक गाना सिखाने और दूसरा ड्राइङ्ग सिखाने के लिए। चौदह सौ की बस्ती के गाँव में इतने लड़के लड़कियाँ इसलिए पढ़ती हैं कि वहाँ जबरदस्ती शिक्षा का नियम है। अर्थात् रियासत भर में सात से सोलह वर्ष की उम्र तक का प्रत्येक लड़का और लड़की स्कूल जाने के लिए बाध्य है। जो माता- पिता अपने बच्चों को पढ़ने नहीं भेजते,उन्हें गवर्नमेंट दण्ड देती है।
स्कूल से कुछ दूर पर "क्रानिकल" नामक समाचारपत्र
का दफ्तर है। केम्ब्रिज से निकलनेवाले अखबारों में यह
मुख्य है। यह साप्ताहिक पत्र है और कोई पचास वर्ष से
निकलता है। इसके पास तीन प्रेस हैं, जो स्टीम-इंजिन के
द्वारा चलते हैं। इस पत्र के प्रत्येक अङ्क में आठ पृष्ठ रहते हैं।
इनमें से चार छपे-छपाये एक सभा से सादे काग़ज़ के मूल्य
पर खरीद लिये जाते हैं। इनमें देश-विदेश की ख़बरों के
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