सिवा राजनैतिक गपशप भी रहती है। व्यापारी, किसान,
अहीर और दरज़ियों के काम के लेख और समाचार भी इनमें
रहते हैं। उपन्यास, आख्यायिका और यात्रा-वृत्तान्त भी
प्रत्येक अंक में रहता है। इस पत्र की बिक्री खूब होती है।
अमेरिका के गाँवों के मकान बड़े ही साफ़ और करीने से सजे हुए होते हैं। इस बात को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए सन्त निहालसिंह ने केम्ब्रिज के उस मकान का वृत्तान्त लिखा है जिसमें वे कुछ दिन रहे थे। उनके कथन का सारा मर्म यह है।
यह घर दो-मंजिला बना हुआ है। पहली मंज़िल के बीच
का कमरा सुन्दर चित्रों से सजा हुआ है। उसके एक कोने
में पियानो रक्खा है और दूसरे में लिखने का डेस्क। फर्श
पालिश की हुई लकड़ी का है, जिस पर वेल-बूटेदार गालीचा
बिछा हुआ है। नियत स्थान पर झूले और कुरसियाँ रक्खी
हुई हैं। उससे मिला हुआ मुलाक़ात का कमरा है। उसमें
दो तीन आराम-कुरसियाँ हैं, एक मेज़ और एक आलमारी
भी है। मेज़ पर कुछ मासिक पुस्तकें और ग्रन्थ रक्खे हुए हैं
और आलमारी सुन्दर जिल्द बँधी हुई किताबों से पूर्ण है।
उसके आगे भोजनशाला, पाकशाला और धोवी-घर है।
पाकशाला में तीन चूल्हे हैं। इससे तीन चीज़ें एक ही साथ
पक सकती हैं। ये तीनों गैस के द्वारा जलते हैं। इस कमरे
में कई मेज़ें और आलमारियाँ हैं, जिनमें खाने की चीज़ें, बरतन
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