पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१०७

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' (५) सानुनासिक ओकारांत और औकारांत स्त्रीलिंग संज्ञाएँ दोनो वचनों में एक सी रहती हैं; जैसे, जोखो, सरसो, गौ । उर्दू संज्ञाएँ। ( १ ) उदू शब्दो के बहुवचन में बहुधा हिंदी प्रत्यय लगाए जाते हैं; जैसे, शाहजादा---शाहजादे शादी----शादिया। वेगम-वेगमें खाला---खालाएँ , ' (२) अप्राणिवाचक संज्ञाओं में बहुधा *आत’ जोड़ा जाता है; जैसे, कागज---कागजात देह-( गॉव )---देहात मकान-मकानात तसलीम-तसलीमात ।। ( ३ ) प्राणिवाचक संज्ञाओ में बहुधा आन जोड़ते हैं, जैसे, | साहिब---साहिबान गवाह-वाहान | मालिक---मालिकान बिरादर--बिरादरनि ( ४ ) कई एक संज्ञाओं का बहुवचन अनियमित रूप से बनाया |, जाता है; जैसे, अमीरउमर हाल...हवाल कायदा--कवाइद खबर---अखबार । किताब---कुतुब इर्फ-हुरूफ (५) कई एक उदू आकारांत संज्ञाएँ भी संस्कृत आकारात संज्ञाओं " के समान दोनो वचनो में एक सी रहती हैं; जैसे, सौदा, दरिया, मियाँ। - १७६ -जिन मनुष्यवाचक पुल्लिग संज्ञाओं के रूप दोनो वचनो में । एक-से रहते हैं उनके बहुवचन में बहुधा लोग' शब्द जोड़ देते हैं, जैसे, ऋषि लोग, राजा लोग, साहिब लोग | | ( क ) गण, जाति, जन, वर्ण आदि समूह-वाचक नाम भी बहुवचन के अर्थ में आते हैं; जैसे, बालक-गण; तारा-गण, देव-जाति, विद्वज्जन, पाठक-वर्ग । १८०-—पदार्थों की बड़ी संख्या, परिमाण या समूह सूचित करने