पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/११

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संक्षिप्त हिंदी व्याकरण पहला अध्याय भाषा और व्याकरण पहला पाठ वाक्य, शब्द और अक्षर १-मनुष्य विधार-शील प्राणी और संभति अथवा सूचना के लिए अपने विचार को बोलकर या लिखकर दूसरों पर प्रकट करता है। बहू दूसरों के विचार भी सुना करता है। इन विचारों को पूर्णता तथा • स्पष्टता से प्रकट करने का साधन भाषा है। कुछ विचार इशारों (संकेतों) से भी प्रकट किए जा सकते हैं पर वे बहुधा अपूर्ण और अस्पष्ट रहते हैं । भाषा अनेक पूर्ण और स्पष्ट विचारो के मेल से बनती " है और प्रत्येक पूर्ण विचार में कई भावनाएं रहती हैं। प्रत्येक पूर्ण विचार को वाक्य और प्रत्येक भावना को शब्द कहते हैं । २-वाक्य में कम से कम दो शब्द अवश्य होने चाहिएँ नहीं तो पूरा विचार प्रकट नहीं हो सकता। रामू आया” “तुम चलो' "वे वैगे", ये दो-दो शब्दों के वाक्य हैं और इनसे एक एक पूरा विचार प्रकट होता है। जहाँ एक ही शब्द से पूरा विचार प्रकट हुआ दीखता ६ वहीं दूसरा शब्द लुप्त ( छिपा ) रहता है, जैसे प्रणाम = प्रणाम है। क्या=क्या है? चलो=नुम चलो ।