पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/११९

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(१०९)

(१०९ ) चंडाल के घर दास बनकर रहते हुए महाराज हरिश्चंद्र को सीमा से अधिक कष्ट होने लगा । 'राक्षस बाण की चोट से कराहता हुआ स्वर्ग - को सिधारा । छठाँ पाठ सर्वनाम की कारक-रचना विभक्ति रहित बहुवचन बहुवचन | एकवचन । हम | सो । | तुम | आप । बहुवचन आप जो ' '-, . वे कौन क्या कोई कुछ । 'क्या कोई कुछ . १८९-पुरुष-वाचक और निश्चय-वाचक सर्वनामो को छोड़ शेष सर्वनाम-विभक्ति रहित बहुवचन मे एकवचन के समान रहते हैं । । १९०--सर्वनामो का रूप लिंग के कारण नहीं बदलता और न | उसमें संबोधन-कारक होता है । *आप, 'कोई? क्या और कुछ छोड़ शेष सर्वनामो के कर्म और संप्रदान-कारको में दो-दो रूप होते है । उदाहरण---- सर्वनाम एकवचन ) । बहुवचन मै मुझको वो मुझे । पुल्लिग | हमको वा हमें यह . इसको वा इसे ' वा ' ।। इनको वा इन्हें वह उसको वा उसे । स्त्रीलिंग । उनको वो उन्हे कौन किसको वा किसे किनको वा किन्हे