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पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग १.djvu/३१

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(३४)
पाठ १२
राग यमन कल्याण

१. इस राग में सात स्वर लगते हैं।

२. इस राग में म॑ तीव्र बाकी सब स्वर शुद्ध लगते हैं।

३. इस राग का वादी स्वर "ग" है।

४.इस राग का संवादी स्वर "नी" है।

५. इस राग के गाने बजाने का समय रात्री का पहला पहर है।

आरोही = स रे ग म॑ प ध नी सं
अवरोही = सं नी ध प म॑ ग रे स
पकड़ = ऩी रे ग रे स प म॑ ग रे स


ताल सरगम राग यमन कल्याण

ताल तीन

स्थाई


समतालीखालीताली


x





रे






रे

नी रे




सं नी

ऩी ऩी रे रे




म॑ म॑

रे

अन्तरा




सं सं
सं रें सं
रे




नी रें सं
गं रें सं नी
ऩी रे



नीनी नी



नी
म॑ म॑