पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग १.djvu/४३

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पाठ १४
राग काफी
  1. इस राग में सात स्वर लगते हैं।
  2. इस राग में 'ग', 'नी' कोमल सब स्वर शुद्ध लगते हैं।
  3. इस राग का वादी स्वर "प" है।
  4. इस राग का संवादी स्वर "स" है।
  5. इस राग के गाने बजाने का समय आधी रात का है।
  6. आरोही = स रे ग॒ म प ध नी॒ सं
अवरोही = सं नी॒ ध प म ग॒ रे स
पकड़ = सस रेरे ग॒, मम प


ताल सरगम राग काफी

( ताल तीन मात्रा १६ )

स्थाई

समतालीखालीताली


x
धा धिं धिं धा

प — प —
ग॒ म ग॒ प



धा धि धिं धा

रे ग॒ रे स
म ग॒ रे स



धा तिंन तिंन ता
स स रे रे
रे नी॒ ध नी॒



ता धिं धिं धा
ग॒ — म म
प ध म प