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पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग १.djvu/५७

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राष्ट्रीय गीत

( वन्देमातरम् )

सुजलाम् सुफलाम् मलयज-शीतलाम्

शस्य श्यामलाम् मातरम् ।

शुभ्र ज्योत्सनाम् , पुलकितयामिनीम् ,

फुल्ल कुसमित द्रुम दल शोभिनीम् ।

सुहासिनीम् , सुमधुर-भाषिणीम् ,

सुखदाम् वरदाम् मातरम् ॥ वन्दे०

त्रिंशत्कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले ।

द्वित्रिंशत्कोटि भुजैधृत खर करवाले।

के बोले माँ तुमि अवले ।

बहु बल धारणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदल वारिणीम् मातरम् ।। वन्दे०

तुमि विद्या, तुमि धर्म,

तुमि हृदि, तुमि मर्म ।

त्वं हि प्राण: शरीरें।

बाहु मे तुमि माँ शक्ति ।

हृदये तुमि माँ भक्ति ।

तो मारई प्रतिमा गाडि ।
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। वन्दे०