पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग २.djvu/६१

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७० ) ग म प ध प नी ध अन्तरा ध म I भ शुभ्र ज्यो- ति स ना प ध नोनी पु ल कि त - सं - नी सं या-म नीम | | सं सं नी नी फुल कु स धप मित प सम ग ग म ग रे द्रु, म दल ग म प म शो -भिनी सु हा सि ग म प ध ध नी प धनी भी पण समुधु र म । । म सं गं रें गं दुख दा सं रें गं व र दा म म ग म म ग रे म मा त र म व न भण्डा-गायन विजयी विश्व तिरंगा प्यारा । भएडा ऊँचा रहे हमारा ॥ सदा शक्ति बरसाने वाला । प्रेम सुधा संरसाने बाला ॥ वीरों को हरपाने वाला। मातृ-भूमि का तन मन सारा ।। भएडा ऊँचा रहे. हमारा । स्वतन्त्रा. के भीषण रण में ॥ लख कर जोश बढे क्षण-क्षण में ।