पृष्ठ:संगीत विशारद.djvu/१८०

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  • सङ्गीत विशारद *

१८६ SSSTS SSSS SESSS वंsssर SSSHS SSASS ऽहSss र,ऽऽऽज ६. ७ १० ११ १२ १२१, -ना---धी---धी--- ना-. है ती---ना -ना- -ती ३ ध्यान दीजिये "जयजय गिरधर नटवर मनहर" यह सोलह अक्षर १२ सैकिंड से कुछ अधिक समय में अर्थात् १२१ सैकिंड में ही समाप्त होगये । क्योंकि मध्यलय १६ सैकिंड में थी, इसलिये १६:११ = १२३ सैकिंड समय लगा। (8) आडीलय इसकी गति ( चाल ) मध्यलय नं० १ से ड्यौढ़ी होती है, इसे लिखने के लिये एक अक्षर के २ भाग मानकर प्रत्येक अक्षर के आगे ऽ एक ऐसा अवग्रह जोड़ा जायगा। जऽय यऽगि STS ऽरऽ मऽन ऽहऽ र,ऽज ३ ६ १० १०३, ना-धी -धी ना-ना -धी- धी-ना .-ना- ती-ती -ना- ना-धी -धी- नाना ऽज धर ऽन टऽव १ ६ X २ ३ इस लय में वे ही सोलह अक्षर १०३ सैकिंड में गा लिये जायगे। क्योंकि मध्यलय १६ सैकिंड में थी, इसलिये १६:१३= १०३ सैकिंड समय लगा। (१०) वियाडीलय इस लय की गति मध्यलय नं० १ से पौने दो गुनी तेज होगी। इसे लिनने के लिये प्रत्येक अक्षर के चार भाग मानकर तीन अवग्रह sss जोड़े जायगे क्योंकि एक भाग स्वयं वह अक्षर होगया । इस प्रकार चार भाग होजाते हैं। जऽऽऽयSS ऽजSSSयS ऽऽगिsssर SSSETSSS TSSSSS १ ४ -धी- ना- -धी- -धी x O SSSSS SSSSSम SSSSSS हऽऽऽरSS s,जऽऽऽयs En ७ ६ ६ --ती- -ना -धी- धी- -ना---धी- x ३ इस लय में वे ही १६ अक्षर सैकिंड में गाये गये। क्योंकि मध्यलय १६ सैकिन्ड में थी और यह उसकी पौने दुगुनी तेज है तो १६:१४= सैकिन्ड । ध्यान दीजिये "मनहर" तक गाने में ६ सैकिन्ड पूरी होगई:, फिर अगली मात्रा के ७ भागों में से १ भाग और लेना पड़ा, तभी गणित के हिसाब से आया।