पृष्ठ:संगीत विशारद.djvu/१७९

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  • मङ्गीत विशारद *

इस प्रकार तिगुनलय मे उन्हीं १६ अन्नरों को गाने मे १६-३=५१ सैफिन्ड लगेगी और यदि इसे ३ वार गाया जाय तो पूरी १६ सैफिन्ड मे सम पर आ जायेगे। (६) चौगुनलय इसकी चाल न० १ वाली मध्यलय मे चौगुनी तेज होगी। जयजय गिरधर नटवर मनहर ? २ ३ नाधीधीना नातीतीना ४ नाधीवीना नावीधीना X ३ चूकि १ न० की मध्यलय के १६ अक्षरों को गाने मे १६ मैकिंड लगे थे, इसलिए चौगुनीलय में १६–४४ मैकिंड लगेगे ओर इसे ४ वार गाया जाय तव मध्यलय वाली सम पर आ जायगे। (७)अठगुनलय इसकी चाल न० १ वाली मध्यलय से अठगुनी तेज होगी. जयजय गिरधर नटवर मनहर १ नावीवीना नाधीधीना नातीतीना नाधीधीना x २ ३ चुकि न० १ की मध्यलय के इन्हीं १६ अक्षरों को गाने में १६ सैकिंड लगे थे, इसलिये अठगुनी लय में १६-८=२ सैकिंड लगेंगे और इसे ८ वार गाने पर १६ सैकिंड मे मध्यलय वाली सम आ जायगी। (८) कुवाडीलय इसकी चाल न० १ वाली मध्यलय से सवाई तेज होती है। इसे लिखने के लिये १ अक्षर के चार भाग मानकर प्रत्येक अक्षर के आगे sss ऐसे ३ अवग्रह लगाये जायगे। ऽगिsss ESSSE १ -ची -बी- धी---वी जSSऽय SSSजS SSSS ३ ४ ना- -ना- x २ - यि पार इस प्रकार प्रगट किये हैं