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संग्राम

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लेक्चर नहीं सुनना चाहता।

सुपरि०—हम न रहे तो तुम एक दिन भी अपनी रियासतपर काबू नहीं पा सकता।

सबल—मैं आपसे डिसकशन (बहस) नहीं करना चाहता पर यह समझ रखिये कि अगर मान लिया जाय सरकारने ही हमको बनाया तो उसने अपनी रक्षा और स्वार्थसिद्धि के ही लिये यह पालिसी कायम की। जमींदारोंकी बदौलत सरकारका राज कायम है। जब जब सरकारपर कोई सङ्कट पड़ा है जमींदारोंने ही उसकी मदद की है। अगर आपका खियाल है कि जमींदारोंको मिटाकर आप राज्य कर सकते हैं तो भूल है। आपकी हस्ती जमींदारोंपर निर्भर है।

सुपरि०—हमने अभी किसानोंके हमलेसे तुमको बचाया नहीं तो तुम्हारा निशान भी न रहता।

सबल—मैं आपसे बहस नहीं करना चाहता।

सुपरि०—हम तुमसे चाहता है कि जब रैयतके दिल में बदखाही पैदा हो तो तुम हमारा मदद करे। सरकारसे पहले वही लोग बदखाही करेगा जिसके पास कुछ जायदाद नहीं है, जिसका सरकारसे कोई कनेकशन (सम्बन्ध) नहीं है। हम ऐसे आदमियों का तोड़ लिये लोगोंको मजबूत करना चाहता है जो जायदादवाला है और जिसका हस्ती सरकारपर है। हम