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पहला अङ्क

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यह दण्ड मिलता है कि जनता कहती है बिगड़ गया, कुलमें दारा लगा दिया। लेकिन उनकी मान-प्रतिष्ठामें जरा भी अन्तर नहीं पड़ता। यह पाप मुझे करना पड़ेगा। कदाचित् मेरे भाग्यमें यह बदा हुआ है। हरिइच्छा। हां इसका प्रायश्चित्त करनेमें कोई कसर न रखूँगा, दान, व्रत, धर्म, सेवा, इनके परदेमें मेरा अभिनय होगा। प्रदान, व्रत, परोपकार सेवा यह सब मिलकर कपट प्रेमकी कालिमाको नहीं धो सकते। अरे, लोग अभी से तमाशा देखने आने लगे। खैर आने दूँ भोजनमें देर हो जायगे। कोई चिन्ता नहीं। १२ बजें सब (Film) खतम हो जायंगे। चलूँ सबको बैठाऊँ (प्रगट) तुम लोग यहाँ आकर फर्शपर बैठो, स्त्रियाँ परदेमें चली जायँ (मनमें) हैं वह भी है! कैसा सुन्दर अङ्ग विन्यास है। आज गुलाबी साड़ी पहने हुए है। अच्छा अबकी तो कई आभूषण भी हैं। गहनोंसे उसके शरीरकी शोभा ऐसी बढ़ गई है मानों वृक्षमें फूल लगे हों।

(दर्शक यथास्थान बैठ जाते हैं, सबलसिंह
चित्रोंको दिखाना शुरू करते हैं।)

(पहला चित्र--कई किसानोंका रेलगाड़ीमें सवार होनेके लिये धक्कमधक्का करना, बैठने का स्थान न मिलना, गाड़ीमें खड़े रहना, एक चपरासीको जगहके लिये घुस देना, उसका इनको एक माल गाड़ी में बैठा देना। एक स्त्रीका छुट जाना और