पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१२८

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किसी भी विभाग का कार्य अपने हाथ में ले सकता है। और यदि वह चाहे तो इस कार्य के लिए नई मशीनरी का निर्माण भी कर सकता है। "गार संकटों" में आतंकवाद और अन्य विध्वंसक हलचलें ही सम्मिलित नहीं हैं ! रिपोर्ट में कहा गया है कि शासन के अनेक विभाग ऐसे हैं जिनमे गलत कदम उठाने से प्रान्त की शान्ति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। उदाहरण के लिये मालगुजारी अथवा सार्वजनिक स्वास्थ्य के सम्बन्ध में हम सरलता ऐसी परिस्थितियों की कल्पना कर सकते हैं जिनसे शान्ति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो जाय । अतः यदि गवर्नर की सम्मति में भूमिकर सम्बन्धी किसी नियम विशेप से प्रान्त की शान्ति को खतरा हो तो वह अपने विशेष अधिकारों से किसी भी सरकारी विभाग पर कार्यवाही कर सकता है अपने विशेष दायित्व को निभाने के लिए उसे अावश्यक द्रव्य भी उपलब्ध होता रहेगा। संघीय धारासभा का चुनाव अप्रत्यक्ष होगा यद्यपि भारतीय जन- मत एक स्वर में सीधे चुनावों का समर्थन करता । केन्द्र में द्वि-बैध शासन (Dyurchy) जारी किया जायगा और भारतीय अर्थमंत्री का केवल २० प्रतिशत बजट पर अधिकार होगा। प्रान्तों के गवर्नरों की तरह गवर्नरजनरल के भी विशेष अधिकार होंगे। एक शाही रेलवे बोर्ड बनाई जायगी और भारतीय रेलों का प्रबन्ध उसको सौंप दिया जायगा । बोर्ड केन्द्रीय धारासभा के नियन्त्रणा से करीब करीब स्वतन्त्र होगी। विशेष व्यापारिक हितों की रक्षा की जायगी और गवर्नर जनरल पर अन्य विशेष दायित्वों के साथ साथ यह भार भी होगा कि वह भारत में आने वाले ब्रिटिश माल के साथ किसी प्रकार का दंडात्मक