पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१३०

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( १०३ ) महत्व है और उसको लेने का प्रस्ताव इा बहाने से किया गया है कि वह सम्पूर्ण पूर्वी साम्राज्य के लिए बड़े महत्व का है । बर्मा के मामले में भिन्न बाने विचाराधीन थीं। बर्मा आर्भिक दृष्टि से तेल सीसा टिन और लकड़ी का धनी क्षेत्र है | उपर्युक्त विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि नया विधान एक प्रति- क्रियात्मक वस्तु है और उसका निर्माण सामाज्यवादी हितों को दृढ़ करने और भारत के ऊपर ब्रिटेन के फौलादी शिकंजे को कड़ा करने के लिए किया गया है। विधान-विध्वंस करने का हमारा पक्ष यह स्वाभाविक था कि कांग्रेस ब्रिटिश आधिपत्य को अमर बनाने वाले इस नाम मात्र के विधान को अस्वीकार करने का इरादा प्रकट करती यद्यपि अधिक अच्छा यह होता कि कांग्रेस के प्रस्तावों में श्वेतपत्र का वास्तविक रूप दिखाकर इस विधान को अस्वीकृत करने के कारणों को विस्तार से व्यक्त किया जाता । कांग्रेस ने अपनी यह भी सम्मति रखी कि इस विधान का सन्तोषपूर्ण विकल्प यही हो सकता है कि वयस्क मताधिकार के आधार पर निर्वाचित विधानसभा के द्वारा विधान बनवाया जाय । परन्तु असली बात देखने की यह है कि विधान को अस्वीकृत करके कांग्रेस क्या करती है। हमारी राय में तो इस निश्चय के अनुकूल एक ही सम्मानपूर्ण और सम्भव रास्ता है और वह यह है कि दृढ़ता से इस विधान के रास्ते में कठिनाइयाँ और बाधायें डालकर इसको विफल कर दिया जाय । अस्वीकार करने का अर्थ यह भी है कि पदग्रहण न किया जाय । इसी प्रकार हम विधान के खोखलेपन को दिखाकर उसे रद करा सकेंगे। हमें यह अनुभव कर लेना चाहिये कि नये विधान से हमारी प्रगति में बाधा पड़ेगी और जितनी शीघ्र यह बाधा हमारे रास्ते से