पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१४०

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( ११३ ) करना चाहिये । यह में कांग्रेस पार्टी की सुविचारित सम्मति अापके सम्मुख रख रहा है। इस मामले को तय करने से पहले आपको भारत की सम्पूर्ण वर्तमान स्थिति को देखना होगा और यह भी सोचना होगा कि हमें स्वतन्त्रता के संग्राम में आगे बढ़ना है। यह समय किसी भी भारतीय के लिये संग्राम स्थल से दूर रहने का नही है। हम यापके पथदर्शन यौर परामर्श को ऐसे संकट के समय में खो देने के लिए तैयार नहीं हैं और श्रीमन कांग्रेस के दृष्टिकोण से तो धारामभाओं के भीतर का यह कार्यक्रम वस्तुतः सम्पूर्ण कार्यक्रम का एक अत्यल्प भाग है। हमारा ध्येय पूर्ण स्वतन्त्रता है। हमारी संस्थापक राष्ट्रीय गंस्था है हमाग संगठन साम्प्रदायिक नहीं है और कम से कम यह नहीं सोचा जा सकता कि हम किसी विशेष वर्ग अथवा हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम यहाँ भारत के समग्र जनसमुदाय की ओर से हैं और चाहे अल्पसंख्यक समूह मेरी बात से महमत हो या न ही हमारा दावा है कि हम उनका भी प्रतिनिधित्व करते हैं। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूँ कि कांग्रेस सांप्रदायिक संस्था नहीं है। वह सदैव ईमानदारी से भारतीय जनसमुदाय की इच्छा को जानने और व्यक्त करने का प्रयत्न करती है ! श्रीमन मैं जानता हूँ कि जो लोग बहुत से प्रश्नों पर हमसे मतभेद रखते हैं वे भी यह अनुभव करते हैं कि विश्व की नजरों में भारतीय जनता को ऊँचा उठाने का श्रेय कांग्रेस को ही है। अाज जो विदेशों में भारतीयों का आदर होता है वह कांग्रेस के ही कारण है । श्रीमन मैं पूछना हूँ कि अाज भारतवर्ष संसार की राजनीति के अग्रभाग में क्यों हैं ? यदि आप किसी भी अमरीकी अथवा अन्य विदेशी समाचार पत्र के पन्ने उलटकर देखें तो आपको पता लगेगा कि भारत की उनमें बराबर चर्चा रहती है। यह कांग्रेस