पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१५७

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( १३० ) का अर्थ यह नहीं है कि भविष्य में काँग्रेस और गवर्नमेंट के सम्बन्ध अच्छे रहेंगे। उल्टे, इससे यह लक्षित होता है कि गवर्नमेंट किसी अच्छे मौके की ताक में है और इस बार जो सङ्कट खड़ा किया जायगा वह अधिक गम्भीर और विस्तृत होगा। नये विधान में सङ्कट निहित है। उसके प्रति हमारे रवये के कारण और भारत और ब्रिटेन के वर्तमान सम्बन्धों के कारण ऐमी टक्कर होना अवश्यम्भावी हैं। परन्तु ऐसे वैधानिक सङ्कट का पर्याम उपयोग तभी हो सकता है जब कांग्रेस की पार्लियामेन्टीय और अन्य हलचलें जनता में राजनीतिक चेतना उत्पन्न करने के काम में लाई जावें । दूसरे शब्दा मैं, जनसमुदाय को उसकी आर्थिक मांगों के अाधार पर संगटित किया जाना चाहिये, और उसकी क्रान्तिकारी मनोवृति को इस हद तक बढ़ाना चाहिए कि वह माम्राज्यवाद से निर्णयान्मक युद्ध करने के लिए उतारू हो जाय। कांग्रेसी मन्त्रियों को इस सङ्कट से सबक लेना चाहिये और ऊपर बनाई हुई दिशा में कार्य करना चाहिए । एमा न हो कि गवर्नमेण्ट हमें बेखबर ही दबोच ले, और ऐसे समय में हमें संघर्ष करने के लिए बाध्य कर दे जब हम उसका मामना करने के लिए तय्यार न हों । इसलिए कांग्रेस को अपना धारामभाई कार्यक्रम तेजी से पूरा करना चाहिए । वामपक्षियों ने जो जागृति देश में पैदा की है, उसका भी हाल के इस सङ्कट को दूर करने में पर्याप्त भाग रहा है । ऐन मौके पर वामपक्ष कांग्रेसी नेतृत्व के साथ होगया, और उसने एकता का ऐसा शानदार प्रदर्शन किया कि साम्नान्यवादियों के छक केछूट गये।