पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१८१

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राय के विचार कामरेड एम० एन० राय की धारणा है कि पूरी और प्रभावपूर्ण तथ्यारी किए विना संघर्ष छेड़ देना बुद्धिमतापूर्ण न होगा। उनका नर्क है कि वर्तमान नेतृत्व संघर्ष को कठोर रूप से चलाने में असमर्थ है । समझौता गान्धीवाद का मूलतत्व है और गान्धीवाद सत्याग्रह के प्रकार का संघर्ष फलप्रद नहीं हो सकता । उसका अन्त समझौते में ही हो सकता है । गाँधीवाद ढङ्ग अपूर्ण और दोषयुन है और उम ढङ्ग से चलते रह कर हम अपने पूर्ण स्वतन्त्रता के व्येय तक नहीं पहुंच सकते । कांग्रेस कमेटियाँ न तो इतनी सुसंगठित है और न उनका इतना राजनैतिक विकास हो पाया है कि वे हमार साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में प्रभावपूर्ण साधन बन सकें । अतः हम अविलम्ब संघर्ष के झमेले में न पड़ कर काग्रेस को क्रान्तिकारी संघ के उपयुक्त बनाने के उपाय करने चाहिए । इस प्रारम्भिक कार्य को गृरा करने के लिए काफी लम्बे समय तक बड़े पैमाने पर तैयारियों की आवश्यकता पड़ेगी । अतः श्रीराय के मतानुसार हमारा कार्य दा प्रकार का है। पहिले तो हमस कहा जाता है कि हम वर्तमान नेतृत्व की ओर गांधीवाद तरीके की पोल खोलने में अपनी सम्पूर्ण शक्ति लगा दें। कॉग्रेसियों से कहा जाता है कि वे अपने ऊपर नया नेतृत्व स्थापित करने का प्रयास करें क्योंकि जब तक वर्तमान नेतृत्व का प्रभुत्व समाप्त नहीं होगा तब तक राष्ट्र के सम्मुख जो मुख्य कार्य है, वह सम्पन्न नहीं हो सकेगा। हमें संघर्ष का एक नया ढङ्ग और एक ऐसा कार्य-क्रम बताया जाता है जिसको पूरा करके देश आगामी संघर्ष के लिए. तैयार हो सकेगा। परन्तु वह संघर्ष-प्रणाली कामरेड राय की कोई