पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१८२

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( १५५ ) विशिष्ट वस्तु नहीं है। वह तो मारे समाजवादियों की मम्मिलिन सम्पत्ति है। वर्तमान परिस्थितियों में, कामरेट राय का कार्यक्रम कांग्रेस द्वारा अङ्गीकृत नहीं किया जा सकता, अतः नवीन तरीके को चलवाने का कार्य-भार उन वामपक्षियों पर पडना है जो उससे महमत हैं। कामरेड राय वे अवस्थायें उत्पन्न करना चाहते है जिनमे यह कार्य सरल बन जाय । यही कारण है कि बे प्रान्तीय शासनों मे कांगमी मन्त्रिमण्डलों ने हट जाने के विरुद्ध थे। उन्होंने अनुभव किया कि विधान के रद होने में नागरिक अधिकारों में कमी पा जायगी। इसी कारण से उन्होंने सितम्बर मार के अपने एक पत्र में, काँग्रेस के प्रधान से अनुरोध किया था कि यदि ब्रिटिश सरकार विधान को इस प्रकार से स्वीकार कर ले कि प्रान्तीय सरकारों को अधिक विस्तृत अधिकार मिल जायें, वयस्क मताधिकार हो जाय, और रियासतों के निवासियों को पूर्ण नागरिक अधिकार प्राप्त हो जाये तो वे नाजी जर्मनी के विरुद्ध मित्रराष्ट्रों को महायता प्रदान करें। साम्यवादी पक्ष कॉग मी समाजवादियों के समान, जहाँ कामरेड राय काँग्रेस को एक जनतन्त्रीय आन्दोलन मानते हैं और इसलिये कॉग्रेस कमेटियों को हमारी राष्ट्रीय स्वाधीनता के संघर्ष का माधन समझते हैं, वहाँ साम्यवादी कॉगस को भारतीय धनिक वर्ग का विराट सङ्गठन बताते हैं । उनके अनुसार काँग्रेस का नेतृत्व, सिद्धान्त और संस्था दोनों की दृष्टि से, सदैव बुर्जुश्रा प्रकार का रहा है और उनकी नीतियों और कार्यक्रम से बुर्जुश्रा हितों का ही साधन हुआ