पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१८५

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( १५८ ) संक्षेप में, अाजकल उनकी आकांक्षा कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व के अपर आघात करके और उसके प्रभाव को खाखला बना कर कांगमी जन समुदाय के ऊपर प्रभाव जमाने की है। अविलम्ब संघर्ष के पक्ष में नो प्रतीत होते हैं परन्न वस्तुतः वे संघर्ष की शक्तियों को विच्छिन्न कर रहे हैं क्योंकि व यह नहीं मानते कि वर्तमान नेतृत्व क्रान्तिकारी है अथवा हो सकता है, अतः वे कांगम के बाहर और बहुधा उसकी प्रति द्वन्द्विता में संघर्ष के नये माधन ग्बड़े करने का प्रयत्न कर रहे हैं । परन्तु अब तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिला है, और इम लिए उनके द्वारा उत्पन्न की हुई अव्यवस्था भी सीमित है । जब तक वे ऐसी नीतियों में विश्वास करने और स हथकई बरतने हैं, तब तक वे अविलम्ब मवर्ष के पनपानी होने का दावा नहीं करते रह सकते क्योंकि बहुत थोड़े कांग्रेसी और उनके अनुगामी उन्हें संघर्ष में अपने साथी बनाना स्वीकार करेंगे। कामरेड राय और उनके अनुयायियों में उनका मुख्य मनभेद कांगस और राष्ट्रीय अान्दोलन के नेतृत्व के प्रश्न के प्रति उनके रवैये में निहित है। कामरेड राय और उनके अनुगामी कांगम को हमारे मामाम्यवाद-विरोधी संघर्ष का शस्त्र बनाने में विश्वास करते हैं और वनमान अवस्था में श्रमिकों के नेतृत्व का समर्थन नहीं करते । इसके विपरीत, माम्यवादी कांगम में विश्राम नहीं करते और श्रमिकों के नेतृत्व के ज़ोरदार पक्षपाती हैं । श्री. बोस का रवैया श्री सुभाषचन्द्र बोस की कार्यशृङ्खला के पीछे जो सिद्धान्त है, उसे समझना कठिन है। वे अविलंब संघर्ष की बात तो करते हैं,