पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/२७४

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(२५७ ) आर्थिक व्याख्या सामाजिक परिवर्तन के नियम-विकाम और वर्तमान विश्व और भारत : भारत, यूरोप, अमेरिका, रूस और चीन का पिछले २५ वर्ष का सामान्य सामाजिक और राजनैतिक परिशीलन- एशिया और यूरोप की सांस्कृतिक धारायें-विश्व के और भारत के स्वातन्त्र अान्दोलन, अार्थिक और राजनैतिक संघर्ष, वर्गों के मध्य और देशों के बीच संघर्ष। आर्थिक समस्या : वर्तमान आर्थिक समाज-अार्थिक सिद्धान्त----यार्थिक संकट- सामाज्यवाद, फासिज्म और युद्ध-वेकारी को काबू में करना और गरीबी को दूर करना-योजनात्मक अर्थ व्यवस्था-योजनात्मक उत्पादन के लिए सामाजिक प्राधार और कार्य-यन्त्र (Machina- r) का सृजन · आर्थिक विचारधारा का इतिहास । राजनैतिक समस्या : ऐतिहासिक भूमिका में राज्य-वर्तमान राज्य का सिद्धान्तपक्ष और व्यवहार पक्ष-सामन्तवादी समाज, बुर्जुश्रा जनतन्त्र, सामाजिक प्रजातन्त्र, फासिज्म-वह राज्य जो बेकारी और गरीबी को दूर करेगा–मानव व्यक्तित्व के पूर्णतम और स्वतन्त्रतम विकास का राजनैतिक आधार-वर्ग प्रभुत्व-निरंकुशसत्तावाद और नौकरशाही की समस्या--प्रजातन्त्रीय पद्धति; मूलभूत नागरिक स्वाधीनताओ पर आधारित प्रतिनिध्यात्मक और उत्तरदायी शासन के द्वारा जनता का, बहुसंख्यकों का राज्य-भावी राज्य के ढांचे में आवश्यक केन्द्रवाद (centralism), संघवाद (federalism), और बहुत्यवार (Pluralism) की सीमा-मानव व्यक्तित्व को नष्ट