पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/२९२

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(२६५ ) क्षेत्र-भाग खुला छोड़ देंगे, यद्यपि उसमें भी वे राज्य का कुछ नियन्त्रण लगाना चाहेंगे। वे जन-समुदाय के लिये अधिकतम मात्रा में उत्तम, स्वतन्त्र, और रचनात्मक जीवन की व्यवस्था करना चाहते हैं। वे विश्वास करते हैं कि संयोजना के बिना जनता को आर्थिक स्वतन्त्रता मिलना असम्भव है और इस ध्येय की प्राप्ति के लिए वे राज्य द्वारा बलप्रयोग की कुछ मात्रा को भी अवश्य बुराई मान कर चलने देंगे। परन्तु वे मूलतः प्रजातन्त्रवादी हैं, और इस बात का ध्यान रखेंगे कि जनतन्त्र का किसी भी बहाने से गला न घोटा जाय । अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में वे शांति, स्वतन्त्रता और प्रगति की स्थापना के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाने के लिए कार्य करेंगे । यह संक्षेप में वह विश्वास है जो उनके विचारों और कार्यों को प्रेरित करता है।