पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/४७

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( २० ) बाहर भी है । पौल ईनजिग जिसने इटली और जर्मनी दोनों में कासिम के आर्थिक ढाँचे का अध्ययन किया है इटालियन फासिज्म को रचनात्मक बताता है और जर्मन फासिज्म को विवंसात्मक । परन्तु उसे भी ग्रह मानना पड़ा है कि अब तक फासिस्ट इटली ने कोई व्यवस्थित ग्रार्थिक ढाँचा नहीं अपनाया है. 'यद्यपि उसने परिवतन के लिए उपयुक्त पूर्वावस्था तैयार करली है और उस ओर कुछ प्रगति भी की है।" उपर्युक्त पूर्वावस्था में उसका तात्पर्य उस अनुशासन और सहयोग की भावना से है जो उसके कथनानुसार इटालियन लोगों में दिखाई पड़ती है। समष्टियाँ (Corp- rations) बनाने का विचार सन् १६२६ मे ही हो गया था, परन्तु उनकी स्थापना सन् १९३३ से पहले नहीं हो पाई। उनका कार्य परामर्श देना और समझौता कराना बताया जाता है। इस प्रकार वे केवल सहयोग- समित्तियाँ प्रतीत होती हैं। जो अच्छी सम्मतियाँ मामिज्म के विषय में अब तक दी गई हैं उनका आधार इटालियन फासिज्म के जन्म-दाता के द्वारा की गई उसकी व्याख्या और समष्टि-राज्य की स्थापना के लिए प्रकाशित हुई श्राशाओं और कानूनों का सुन्दर रूप है, प्रसिज्म की कई सफलता नहीं। जर्मनी का नाजी अान्दोलन फासिज्म का ही एक भेद है, यद्यपि फासिज्म का प्रारम्भिक जन्मदाता मुमोलिनी ऐसा नहीं मानता। नाजियों के कार्यक्रम में कुछ समाजवादी तत्त्व भी सम्मिलित थे। चूँकि नाजी भान्दोलन का सामाजिक आधार निम्नमध्यवर्ग के वे ब्यक्ति थे जो युद्ध और मुद्रास्फीति मे बर्वाद हो चुके थे, इसलिये स्वभावतः उसका जमी- दारों और उद्योगपतियों के प्रति शत्रुता का रवैया रहा। परन्तु मुसोलिनी की तरह हिटलर भी बड़े उद्योगपतियों की सहायता से ही सत्ता के शिखर पर चढा । उन उद्योगपतियों ने ही मुख्यतः नाजी आन्दोलन का व्यय उठाया. और वे गेमा कभी न करते, यदि उनको यह विश्वास न