पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/४९

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समाजवाद एकमात्र मार्ग यदि फ्रासिज्म को ठुकरा दिया जाय नो केवल समाजवाद मैदान में रह नाता है । यह अब केवल एक सिद्धान्त अथवा विश्वास ही नहीं है, कम से कम एक देश में तो इमे कार्यरूप में परिणत किया जा रहा है। रूसी प्रयोग हमारे सामने है और हम उसका अध्ययन करके अपने निर्णयों पर पहुँच सकते हैं । रूस ही एक ऐसा देश है जो बेकारी से रहित है । उसकी योजनारमक आर्थिक व्यवस्था के गुणों को पूँजीपति भी मुक्तकण्ठ मे स्वीकार करते हैं, और अपनी पूँजीवादी अर्थ व्यवस्था को भी योजनात्मक बनाने की प्रेरणा उन्होंने रूस से ही प्राप्त की है। रूस में फैक्टरियों, भूमि, यायायात इत्यादि का सामाजिककरण होगया है, और कृषि कार्य का समष्टिकरण होता जा रहा है। अव्यवस्था के स्थान पर आर्थिक विकास के लिये योजनात्मक पथ-प्रदर्शन दिखाई देता है । समाजवादी आर्थिक व्यवस्था की नीव अच्छी तरह बाली जा चुकी है। उत्पादन उत्सरोसर बढ़ रहा है और उसके साथ जनता का जीवन स्तर भी । पहली पंचवर्षीय योजना ब्लूब सफल रही और दूसरी योजना कार्यान्वित की जा रही है । संसार भर के विरोध और वैमनस्य के होते हुए सोषियत राष्ट्र व्यापक आर्थिक संकट के समय में भी जो इतनी तेजी के प्रगति कर रहा है, वह इस बात का प्रमाण है कि उसके पास विश्व के लिए एक सन्देश है । यह श्रावश्यक नहीं कि अन्य देश उन सभी अवस्थाओं को पार करें जो रूस मे पार की थी, और न यह आवश्यक है कि हम रूसी योजनाओं का श्रधरशः अनुकरण करें। नीतियाँ तो परिस्थितिविशेष के अनुसार ही निर्धारित की जा सकती हैं, परन्तु इसमें सन्देह नहीं कि रूसी प्रयोग ने एक उदाहरण सामने रक्खा है; और श्रागे के समाजवादी प्रयोगकर्ताओं का मार्ग सरल बना दिया है। जी. डी. एच. कोल ने कहा है "श्रौद्योगिक उत्पादन इतना बन्द .