पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/६२

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राष्ट्रिय आन्दोलन समाजबाद की ओर उन्मुख हो सके। ऐसा करने से ही हम भारत को जनतन्त्र के योग्य बना पायेंगे। बन्धुओ, आज हम कांग्रेस के भीतर समाजवाद के बीज डाल रहे हैं । हमारे महान् नेत्ता पण्डित जवाहरलाल नेहरू की अनुपस्थिति में हमारा कार्य अत्यन्त कठिन हो गया है । हम नहीं जानते कि कितने समय तक हम उनके मूल्य परामर्श, पथ-प्रदर्शन और नेतृत्व से वंचित रहेंगे । मुझे विश्वास है कि वे कांग्रेस के भीतर इस नई पार्टी के जन्म का हर्ष से स्वागत करेंगे और जेल के सोकची के पीछे से हमारी प्रगति को बची दिलचस्पी से देखते रहेगे। उनके बन्दी जीवन की अवधि मे हम उनके महान उदाहरण से प्रेरणा और उत्साह प्राप्त करें और इस विश्वास के साथ अपने पथ पर अग्रसर हो कि जिस उद्देश्य का प्रतिनिधित्व इम करने है, वह अन्त में विजयी होना ।