पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/९६

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२ संयुक्त प्रान्त में किसान आन्दोलन संयुक्त-प्रान्त की जनसंख्या लगभग पाँच करोड़ है । यद्यपि पिछले तीस वर्षों में प्राबार्दा भी विशेष नही बढ़ी है परन्तु भूमि के ऊपर बहुत भार बढ़ गया है। अाज इस सदी के प्रारम्भ समय की अपेक्षा चालीस लाख अधिक व्यक्ति केवल कृषि-कार्य पर निर्भर हैं। साथ ही भूमि से जो आय होती है वह निरन्तर घटी गई हैं । परिणामतः जनता में बेकारी उत्तरोत्तर बढ़ती गई है और प्रतिवर्ष अधिकाधिक व्यक्तियों को जीवन निर्वाह के लिए अन्य प्रान्तों अथवा देशों की ओर निष्क्रम करना पड़ता है । भूमि को छोटे-छोटे खेतों में बाँटना बढ़ना गया है। कृषि कर्म अब आर्थिक दृष्टि से कोई उत्तम कार्य नहीं है । कुछ कृषकों के पास एक तिहाई एकड़ से भी कम भूमि है । ३ करोड ५० लाख एकड़ भूमि पर हमारे प्रान्त में हल चलता है और लगभग इतने ही व्यक्ति पूर्णतः अथवा अांशिक रूप में ग्वेती पर निर्भर हैं । इससे हमारे प्रान्त में प्रति व्यक्ति एक एकड़ भूमि की औसत निकलती है । पिछले तीन वर्षों में मालगुजारी काफी बढ़ गई है । परन्तु लगान उससे भी अधिक बढ़ गये है-जैसा कि सन १६३१ की सरकारी रैवेन्यू रिपोर्ट में दिखाया गया था कि जहाँ मालगुजारी में ७५ लाख