पृष्ठ:समाजवाद पूंजीवाद.djvu/२१०

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२०३
रूसी सान्यवाद

रूसी सान्यवाद २०३ यात बनावे और लगन के साथ ऐसे सुधार जारी करने पर जुट जाय जो सबके लिए लाभदायक और समझ में थाने योग्य हाँ तया प्रचलित स्यवस्था की प्रकट पराबियों को रोक दे। वह पहला काम यह करेगा कि स्थानीय व्यापारियों की छोटी-छोटी कौंसिलों को रह कर देगा जो टैक्स लगाने और देश पर शासन करने के लिए पार्लमेण्ट का निर्माण करती हैं। उनके स्थान पर वह जिलों की हालत सुधारने के लिए उत्साही और कार्यक्षम् युवक अफसर मुकर्रर करेगा जिनको अधिनायक की योर से पूरे अधिकार प्राप्त होंगे। इस प्रकार वह स्थानीय शासन-प्रबन्ध में न केवल फौरन सुधार कर सकेगा; बल्कि जन-साधारण की इस आकांक्षा की भी नुष्टि कर सरेगा कि पुराने बदनाम गुह को हटा कर उसके बजाय क्सिी एक योग्य व्यक्ति को कार्य-भार सौंपा जाय। अधिनायक का दूसरा काम यह होगा कि वह अपनी सत्ता से स्वतंत्र लोगों के पार्थिक और राजनैतिक संगठनों को दिन-मिन्न कर देगा। यह विशुद्ध हिंसा द्वारा प्रासानी से क्यिा जा सकता है। अत्यन्त निहाप सहयोग समितियों और प्रतिष्टित श्रमजीवी संघों को अराजकवादी अथवा साम्यवादी गह-संघों के साथ गामिल कर दिया जायगा और उन्हें राजद्रोह और राष्ट्रनायक के शनुमा का घमा घोपित किया जायगा। उसके बाद अधिनायक के लिए प्राण न्योछावर करने वाले नौजवानों का दल इन संस्थानों के दफ्तरों में घुस पड़ेगा, उनमें रहने वालों को मारेगा- पौटेगा, फर्नीचर को तोड़-फोड़ डालेगा, तिजोरी खाली कर लेगा और सदस्यों की सूची हस्तगत करके उनका पता लगा लेगा और उनको मार- पीट करके टीक कर देगा। पुलिस की सहानुभूति इस दल के साथ होगी और प्रत्याक्रमण होने की हालत में वह उसकी रक्षा के लिए उद्यत रहेगी। ____जब संस्था-मंजन का काम पूरी तरह हो चुकेगा तो राष्ट्रनायक अमन कायम करने की ओर ध्यान देगा। जिन संस्थाओं के पास रुपया-पैसा और जमीन-जायदाद तथा दड़ा कारवार होता है, उनको उपरोक्त तरीके से नष्ट नहीं दिया जा सकता। फासिस्ट शासक ऐसी संस्थानों की