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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

अनुसार पुस्तकें महीने या ३ महीनेतक ले जानेकी सुविधा भी देते हैं। इसलिए जो व्यक्ति और भी मितव्ययिता से काम लेना चाहता हो, वह इन पुस्तकालयोंका लाभ भी उठा सकता है।

मैं सरसरी तौरपर यह भी बता दूं कि कभी-कभी ऐसी मितव्ययिता अत्यावश्यक भी हो जाती है। कभी आपके मन में यात्रा करनेका विचार आ सकता है, पर शायद आप उस निश्चित रकमसे ज्यादा खर्च न कर पायें, जिसमें आपने ऐसी यात्राके लिए खर्च की बात नहीं सोची थी। उस दशामें आपको कहीं और काटकसर करनी होगी। इस तरहकी काट-कसरका एक उदाहरण आप परिशिष्ट "क में पायेंगे। जब सम्भव हो तभी एकाध शिलिंग या पेंस बचाकर जमा कर रखने से अच्छी खासी रकम बच जाती है और उसे दूसरे उपयोगी कामोंमें लगाया जा सकता है। कहीं भी थियेटरका उल्लेख नहीं किया गया है। इंग्लैंडमें रंगमंच राष्ट्रीय संस्था ही है और जैसा कुछ लोग सोचते हैं, शिक्षा और मनोरंजन दोनोंका साधन है। फिर वहाँ इंग्लैंडके आधुनिक रीति-रिवाज भी प्रतिबिम्बित होते हैं। उन्हें देखे बिना कोई भी भारत नहीं लौटता। तब पूछा जा सकता है कि इस पुस्तिका में दिये गये तखमीनोंमें उनका हिसाब कहाँ लगाया गया है। एक पौंड प्रति सप्ताह के सामान्य खर्चमें उनके लिए गुंजाइश है और कपड़ोंके लिए दिये गये अनुमानमें भी है; क्योंकि वहाँ भी खर्च कम किया जा सकता है। थियेटर जानेके लिए ज्यादा पैसे नहीं लगते। गैलरीकी एक सीटके लिए एक शिलिंग और आगे के स्थानके लिए २ या २|| पेंस लगते हैं। मध्यम वर्गके सज्जन और बहुधा भारतीय पिछली सीटोंका उपयोग करते हैं। औसतन महीने में एक बार जाना काफी है और पाठक देख चुके होंगे कि चार बार २ शिलिंग बचा लेनेकी काफी गुंजाइश रखी गई है। पुस्तिकामें दिये गये हिसाब में गड़बड़ी तभी होगी, जब कभी कोई मोटा खर्च आ पड़े। उदाहरण के लिए यदि यात्रा करनी पड़े और ४ पौंडको सामान्य सीमाका उल्लंघन न करना हो तो सस्ते कमरेमें जाकर रहनेसे पैसे बचाये जा सकते हैं।

अब फिर पुस्तकालयकी बातपर आ जायें। पिछले अध्यायमें इस बातका जिक्र किया गया था कि अपनी संस्थाके पुस्तकालय में ज्यादा समय व्यतीत करना अधिक सुविधाजनक होगा। क्योंकि बहुत बढ़िया सजा-सजाया कमरा भी उतना आरामदेह या सुविधापूर्ण नहीं होगा, जितना पुस्तकालयका कमरा । इस कमरेको हमेशा गर्म रखने और उसमें ताजी हवा आनेका प्रबन्ध रहता है।

जिन पुस्तकोंकी आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार हैं। सभी पुस्तक विक्रेता सामान्य साहित्यकी पुस्तकोंपर २५ प्रतिशत और कानूनी पुस्तकोंपर २० प्रतिशत छूट देते हैं। दूसरी कालममें छूटके बाद दिये जानेवाले दाम हैं।

पौं° शि° पें° पौं° शि° पें°
सांडर्सकी 'जस्टीनियन' १८ १५
हंटरकी 'इन्ट्रोडक्शन टू रोमन लॉ'
विलियम की 'रियल प्रॉपर्टी' १७