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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


३५२; और पदयाचीका मुकदमा,
२७०
नेटालके भारतीय, –और भाषाकी समस्या,
१९१-९२; [ ों ] – के सम्बन्धमें 'टाइम्स
ऑफ नेटाल' में प्रकाशित अपमान-
जनक लेख, १७१-७३; –के साथ
दुर्व्यवहार, १९२-९३; –में बेईमानी,
१९०-९१
नेटाल भारतीय कांग्रेस, १७०, २६७, २६९,
२९९; - और पदयाचीका मामला,
२७०-७३; –का संविधान, १६७-७१;
–की वित्तीय स्थिति, २५५-५६; –की
स्थापनाका कारण, २५४-५५; -के
कामकी समीक्षा, २५७-६०; के ध्येय,
२६५-६७, ३३८, ३५१-५४; को भेंटें,
२५९; –गुप्त संस्था नहीं, ३३१, ३३८
नेटाल मर्क्युरी, १५०, १७४, १७९, २४४
२६३, ३०४, ३०९, ३४६; –और
भारतीयोंके राजनैतिक अधिकार
२६१-६२; –में नेटाल भारतीय कांग्रेस
पर आरोप, २६७-६९
नेटाल विटनेस, २००, २६६, ३१९, ३३१,
३४४-४५, ३४९
नेशनल रिव्यू, १८६
नोंदवेनी बस्ती सम्बन्धी नियम, के बारेमें
नेटाल गवर्नरको प्रार्थनापत्र, ३०७-८, ३१३;
–के बारेमें जो° चेम्बरलेनको
प्रार्थनापत्र, ३१६-१९
नौरोजी, दादाभाई, १४६, १६३, १६४,
१९९, २६१, ३१४
न्यू गॉस्पल ऑफ इन्टरप्रिटेशन, १६६, १७३,
१९९


न्यू टेस्टामेंट, ( नया करार ), १७२
न्यू रिव्यू, १७९


पंचायत, –और भारत, १३६, २८०
पटवारी, नारायणदास, ९
पटवारी, रणछोड़लाल, ९, ५८
पदयाची, रंगस्वामी, १६७; –का मामला
और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, २७१-७३
परफेक्ट के इन डाइट, ९५, १०४, १६५,
१६६, १७३, १७५, १९७, १९९,
२००, २३१
परसनल प्रॉपर्टी, ११०, ११७
पाइथागोरस, ३०४
पाणिनी व्याकरण, १८५, –और संस्कृत,
१८४
पाण्डे, लछमन, १६८
पाथेर, वी° नारायण, १६८
पामर्स्टन, २१६
पारनेल, १७६
पारनेल कमीशन, ९५
पाल, क्रिस्टोदास, १८९
पिटमैन, सर आइजक, ३०४
पिनकॉट, एफ°, १३७, १८६, १९५;
 –भारतीय सभ्यताके बारेमें, १७९
पिल्ले, ए° सी°, ६१, ६५
पिल्ले, कोलंदावेलु, १७०
पिल्ले, दोरास्वामी, १६७, २५७, २६०
पिल्ले, मुरुगेश, १६७
पीरन मुहम्मद, १६७, २५७
पुनुस्वामी, २७२
पुराण, –और भारत, १८४-८५