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जनरल बोथाके विचार

भी बात कही गई है। इस तरह समस्त दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंको आनेवाले महीनों में अबतक की अपेक्षा कहीं बड़े पैमानेपर एशियाई - विरोधी हलचलके लिए तैयार रहना चाहिए। परन्तु यदि दक्षिण आफ्रिकामें समाजके यत्र-तत्र फैले विभिन्न वर्ग ऊपर उद्धृत किये गये बयानोंके महत्त्वको ठीक तरहसे समझें और उनमें जिस प्रतिगामी नीतिका आभास है उसका मुकाबला करनेके लिए आवश्यक उपाय करें तो हमारी स्थिति अन्धकारपूर्ण या निराशाजनक कदापि नहीं होगी। हाँ, ऐसा करते हुए उन्हें अपनी सुनिश्चित मर्यादाओंको भी जान लेना चाहिए। हमें एशियाइयोंके प्रवासपर नियन्त्रण तो बर्दाश्त करना और मानना ही होगा । परन्तु उनके प्रवासपर बिलकुल रोक लगानेका अर्थ होगा हमारे राष्ट्रका अपमान, जिसे सहन करना किसी भी सच्चे भारतीयके लिए असम्भव है । हमारा खयाल है कि दक्षिण आफ्रिकामें बसे भारतीय समाजको यह संकट टालने के लिए जितना भी त्याग करना पड़े, थोड़ा है । हमारा मत है कि साम्राज्यकी इमारत इसी समानताकी नींवपर खड़ी है। इसलिए जो भारतीय इस समानताकी रक्षाके लिए कष्ट उठायेंगे वे न केवल भारत, बल्कि समस्त साम्राज्यके आशीर्वादके पात्र होंगे। दोनों घोषणापत्र ट्रान्सवालमें चालू हमारे संघर्षकी महत्ताको प्रकट करते हैं। हम आशा करते हैं कि हमारे देशवासी दोनों दलोंके कार्यक्रमोंका ध्यानपूर्वक अध्ययन करेंगे और दक्षिण आफ्रिकामें बसे हुए भारतीयोंके इतिहासमें जो यह नाजुक अवसर आया है उसमें अपने कर्तव्यका अवश्य ही पालन करेंगे ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २५-६-१९१०

२१८. जनरल बोथाके विचार

जनरल बोथाने अपने दलका जो घोषणापत्र निकाला है, उसमें उन्होंने हमारे बारेमें अपने विचार दिये हैं । ये विचार समझने योग्य हैं। वे कहते हैं कि यूरोपीय लोगोंको दक्षिण आफ्रिकामें आनेके लिए उत्साहित करना चाहिए और एशियाइयोंको आनेसे रोकना चाहिए ।

इसी प्रकारके विचार डॉक्टर जेमिसनकी पार्टीने भी प्रकट किये हैं । अपने घोषणापत्रमें उन्होंने कहा है कि जो एशियाई दक्षिण आफ्रिकामें रह रहे हैं उनके प्रति सद्व्यवहार किया जाये। नेटालमें गिरमिटियोंके आनेके विषयमें विचार किया जाये और यदि चालू धन्धोंमें बाधा न पड़े तो उनके आनेपर रोक भी लगाई जाये ।

इस प्रकार दोनों दलोंके नेता एशियाइयोंका आना बन्द करना चाहते हैं । लेकिन उनके घोषणापत्र इस प्रकारके हैं कि उनके मनमाने अर्थ निकाले जा सकते हैं। हम तो उसका एक ही अर्थ समझते हैं और वह यह कि हम लोगोंपर मुसीबत आ गई है । यह बात कि भारतीय एक बड़ी संख्यामें दक्षिण आफ्रिकामें प्रवेश न कर सकें, समझमें आ सकती है। इस परेशानीको तो स्वीकार करना ही होगा। परन्तु, जब यह कहा Gandhi Heritage Portal