भेंट : 'ट्रान्सवाल लीडर' के प्रतिनिधिको ३०३ भी भारतीय फल-विक्रेता, जो किसी चेचक ग्रस्त क्षेत्रसे आता है, दूसरे क्षेत्रोंमें भी छूत फैला देगा । इस रोगकी मौजूदा लहरमें बहुत कम भारतीय बीमार हुए हैं और स्वास्थ्य-अधिकारी इस बार हमें दोषी नहीं ठहरा सकते। हम अधिकारियोंको मदद देनेके लिए बहुत उत्सुक हैं; किन्तु अनिवार्य पृथक्करणसे हमारा विरोध है। कुछ साल हुए, इस सम्बन्धमें डॉ० मूरेने अस्वच्छ क्षेत्र स्वामित्वहरण आयोग ( इन्सेनिटरी एरिया एक्सप्रोप्रिएशन कमीशन) के सामने बड़ी महत्त्वपूर्ण गवाही दी थी। उन्होंने कहा था कि ब्रिटिश भारतीयों या अन्य लोगोंमें सफाईके प्रति जो उपेक्षाका भाव है उसके सफल निराकरणका तरीका यह नहीं है कि उन्हें ऐसे बाजारोंमें भेज दिया जाये जहाँ लोग आसानीसे न आ-जा सकें अथवा उन्हें ऐसे स्थानों में सीमित कर दिया जाये जिनपर स्वास्थ्य अधिकारी ठीक से नियन्त्रण न रख सकें । कठोर उपनियम स्वीकृत जहाँ समाजके स्वास्थ्यका सवाल हो, वहाँ मैं कठोर उपनियमोंका पूरा समर्थन करता हूँ । ऐसे नियमोंके विरुद्ध आचरण करनेवालोंके प्रति मैं जरा भी दया नहीं दिखाऊँगा । [ प्रश्न : ] लोक-स्वास्थ्य समितिने गन्दे आवासोंको गिरानेका अधिकार प्राप्त करने के लिए अर्जी दी है; क्या आप उसकी इस कार्रवाईको पसन्द करते हैं ? 1 अवश्य ! मैं चाहूँगा कि इस सम्बन्धमें कानून अधिक से अधिक कठोरताके साथ लागू किया जाये। इस दृष्टिसे समाजके सभी वर्गों - यूरोपीयों, एशियाइयों, आफ्रिका में उत्पन्न यूरोपीयों और वतनियों- • से निबटने का सही तरीका यह है कि उन्हें गति- विधिकी पूरी स्वतन्त्रता देते हुए स्वास्थ्य सम्बन्धी बातों में उनपर सख्त निगरानी रखी जाये। मुझे ऐसे मामलोंका कोई २० वर्षोंका अनुभव है, और [ उसके आधारपर मैं कह सकता हूँ कि ] यदि आपने भारतीयोंको अलग करके उन्हें शहरोंसे, मान लीजिए ४-५ मील, दूर बाजारोंमें बसनेको मजबूर किया तो इसका मतलब चेचक जैसे रोगोंके फैलनेका भारी खतरा मोल लेना होगा । हमारे पूरे समाजपर यह लांछन लगाया गया कि जब कभी कोई बीमारी फैलती है तो हम उसे छिपा रखना चाहते हैं । इस हालत में जब भारतीयोंके लिए बाकी आबादीसे अलग रहनेकी व्यवस्था कर दी जायेगी तब क्या होगा ? मैं आपको विश्वास दिला सकता हूँ कि उस हालतमें छूतका खतरा और भी अधिक होगा। जो भी हो, मुझे विश्वास है कि शाही सरकार किसी वर्ग-विधानको मान्यता नहीं देगी; और पृथक्करणको नीतिसे तो ऐसा ही विधान फलित होगा । हमारा सम्पूर्ण समाज कानूनों का पालन करनेको उत्सुक है और मेरा विश्वास है कि नये नगरपालिका अध्यादेशके अन्तर्गत सफाई सम्बन्धी जो उपनियम बनाये जायेंगे उन्हें न्यायोचित तरीकेसे सख्ती के साथ लागू किया जायेगा । [ अंग्रेजीसे ] ट्रान्सवाल लीडर, २३-८-१९१२ Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/३३९
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