२६५. भाषण : ब्रिटिश भारतीय संघकी सभाएँ' जोहानिसबर्ग अगस्त २५, १९१२ अनुरोध किये जानेपर श्री गांधीने स्कूलके विषयमें' बोलते हुए कहा कि सत्या- ग्रह आन्दोलन प्रारम्भ होनेके बादसे हमारी हमेशा यह इच्छा रही है कि एक सभा- भवनका निर्माण किया जाये, जिसका नाम फेडरेशन भवन' रखा जा सकता है। इस कार्यके [ आरम्भके] लिए यह बहुत समुचित अवसर है। यदि हम अपने समाजकी प्रतिष्ठा के अनुरूप एक ऐसे भवनका निर्माण करें जिसमें सभा गृह, सार्वजनिक विद्यालय, छात्रावास, अतिथिगृह आदि हों तो यह एक बहुत अच्छा काम होगा । इसमें करीब १०,००० पौंड तक लग सकता है, किन्तु यह रकम ट्रान्सवालके भारतीय निवासियोंके वशके बाहर नहीं है . [ अंग्रेजीसे ] इंडियन ओपिनियन, ३१-८-१९१२ चि० हरिलाल, २६६. पत्र : हरिलाल गांधीको [ लॉली ] श्रावण वदी २ [ अगस्त २९, १९१२] ' लगता है, तुमने तो पत्र न लिखनेका ही निश्चय कर लिया है। साथ में करसनदास' काकाका पत्र है । इस कर्जको मैं तो समझ नहीं सकता । गोकलदास के विवाह में खर्च कैसे हुआ और किसने किया, इस सबसे मैं नावाकिफ हूँ । परन्तु यदि तुम्हें कुछ याद हो तो लिखना कि मैंने किस खर्चकी मंजूरी दी थी । इतना ज्यादा खर्च करनेकी मंजूरी मैंने दी हो, यह तो हो नहीं सकता। फिर भी तुम्हें जो कुछ याद हो, सूचित करना । १. पिछला भाषण भी इसी सभा में दिया गया था । २. टॉल्स्टॉय फार्म में खोले गये स्कूलके विषय में । ३. देखिए खण्ड ८, पृष्ठ ८७ और ११३ | ४. बाद में सम्भवतः चन्दा इकट्ठा करनेके उद्देश्यसे इब्राहीम कुवाडिया, फैन्सी और कुमारी श्लेसिनकी एक समिति नामजद की गई थी जिसमें बावज़ीर और काछलिया भी शामिल थे । ५. गोखलेकी यात्राके उल्लेखसे प्रतीत होता है कि यह पत्र १९१२ में लिखा गया था । ६. गांधीजीके बड़े भाई । ७. सन् १९०८ में गोकुलदासका देहान्त हो गया था; देखिए खण्ड ८, १४ २२६-२७ और पृष्ठ २४७ । Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/३४५
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