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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/३४४

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३०८ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय बढ़ी चढ़ी है कि यदि उनका जन्म यूरोप में • मान लीजिए, फ्रांस में हुआ होता तो वे सम्भवतः उस गणराज्यके अध्यक्ष होते; और यदि इंग्लैंडमें हुआ होता तो वे उस देशके प्रधानमन्त्री हुए होते। दक्षिण आफ्रिकाके लिए उन्होंने जो विशेष कार्य किया है, सो सभीको मालूम है । जलसेके खर्च के लिए १,००० पौंडकी जरूरत होगी । समाजके सभी अंगोंसे स्वयंसेवक भर्ती किये जायेंगे और उन्हें श्री गोखलेके प्रवासकी अवधिमें और उससे पहले भी कुछ दिन अपना पूरा समय देना होगा। श्री गांधीने यह भी बताया कि एक तार आया है, जिसमें कहा गया है कि महाविभव आगा खाँ निकट भविष्यमें दक्षिण आफ्रिका और पूर्वी आफ्रिका आना चाहते हैं । समाजको चाहिए वह उन्हें तार भेजकर इस समाचारपर हर्ष प्रकट करे और साथ ही उन्हें निमन्त्रित भी कर दे । इसके अनन्तर प्रिटोरियाके हाजी हबीबने इस आशयका प्रस्ताव उपस्थित किया कि एक समिति नियुक्त की जाये जिसे सभी आवश्यक अधिकार सौंप दिये जायें। उस समितिका काम होगा चन्दा एकत्रित करना, कार्यक्रमको व्यवस्था करना और श्री गोखलेके आगमनपर उनके स्वागत-सम्बन्धी अन्य आवश्यक कार्य करना । यह समिति अपने प्रतिनिधि नियुक्त कर दे, जिन्हें केप टाउन जाकर श्री गोखलेका स्वागत करनेका काम सौंपा जाये। उन्होंने अपने प्रस्तावमें यह भी कहा कि ऊपर जिस आशयके तारका जिक्र किया गया है, वैसा तार महाविभव आगा खाँको भेजा जाये । हमीदिया इस्लामिया अंजुमनके अध्यक्ष इमाम साहब अब्दुल कादिर बावजीरने इस प्रस्तावका अनुमोदन किया और कहा कि निस्सन्देह समस्त भारतीय समाजका यह कर्त्तव्य है कि वह श्री गोखलेका शानदार स्वागत करे। ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तिका आदर करके वह स्वयं अपनेको गौरवान्वित करेगा ।... [ अंग्रेजीसे ] इंडियन ओपिनियन, ३१-८-१९१२ १. महाविभव आगा खाँको निम्नलिखित तार भेजा गया: “ब्रिटिश भारतीय संघको यह समाचार पढ़कर कि आपका विचार दक्षिण आफ्रिका आनेका है, हर्ष हुआ है । समाज आपका स्वागत प्रसन्नताके साथ करता है । जिस समय श्री गोखले पहुँच रहे हैं क्या आपके लिए उस समय यहाँ पहुँचना सम्भव होगा ? काछलिया - अध्यक्ष । " Gandhi Heritage Porta