पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/३६५

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माननीय श्री गोखलेका शुभागमन ३२९ आफ्रिकाके भारतीयोंके महत्वपूर्ण अधिकारों और अत्यन्त अन्तरंग हितोंको नष्ट-भ्रष्ट कर रहे हैं और अपने इस अनाचारमें उन्हें, जैसा कि विदित है, एक ऐसी सरकारका समर्थन प्राप्त है, जो शाही सरकारके निकट भारतीय समाजके हितोंका बहुत ध्यान रखनेका ढोंग करती है। भारतीय इस स्थितिको कभी गवारा नहीं कर सकते। [ अंग्रेजी से ] इंडियन ओपिनियन, २८-९-१९१२. २८१. माननीय श्री गोखलेका शुभागमन रायटरने घोषणा की है कि माननीय श्री गोखले “डोवर कैंसल "" जहाजसे दक्षिण आफ्रिकाके लिए आज रवाना होंगे और इस मासकी २६ तारीखके आसपास केप टाउन पहुँच जायेंगे। उनके उचित स्वागतकी तैयारीके लिए विभिन्न स्वागत- समितियों के पास समय बहुत ही थोड़ा है; फिर भी हमें भरोसा है कि उनके आग- मनको सफल और सुखद बनाने के लिए वे कुछ भी उठा नहीं रखेंगी। जान पड़ता है कि रवाना होने से पहले ही दक्षिण आफ्रिकाके जाति-विद्वेषका पूरा बोझ श्री गोखलेके सिरपर लाद दिया गया है; क्योंकि सुनते हैं कि यूनियन कैसल कम्पनीने उनसे यह कह दिया कि यदि आप पूरी कोठरी (कैबिन) का किराया देनेको राजी न होंगे तो हम आपको नहीं ले जायेंगे, "क्योंकि हो सकता है, कोई भी यूरोपीय यात्री आपके साथ उस कोठरीमें चलना पसन्द करे । हमें यह विश्वास नहीं था कि इंग्लैंडमें भी कोई ऐसी निर्लज्ज घृष्टता कर सकेगा, परन्तु इस घटनासे स्पष्ट हो गया कि दक्षिण आफ्रिकी वर्ण-विद्वेषका प्रभाव कितना दूर-व्यापी है। जैसी कि आशा थी, श्री गोखलेने कम्पनीकी शर्त मानने से साफ इनकार कर दिया, और कुछ लिखा-पढ़ीके बाद कम्पनीने यह शर्त छोड़ दी। सिद्धान्तके प्रति ऐसी दृढ़ताके कारण श्री गोखले इस देशके भारतीयोंमें और भी प्रिय हो जायेंगे तथा उनके उदाहरणसे उन्हें भी अवसर पड़नेपर भारतके नाम और मानके लिए ऐसा ही करनेकी प्रेरणा मिलेगी। [ अंग्रेजीसे ] इंडियन ओपिनियन, ५-१०-१९१२ १. वे 'डोवर कैसल' के बजाय 'सेक्सन' से रवाना हुए और उनके २२ अक्तूबर, १९१२ को केप टाउन पहुँचकेकी आशा थी । २. गोखठेके ही शब्दों में घटनाकी विस्तृत जानकारीके लिए देखिए परिशिष्ट २० । Gandhi Heritage Portal