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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
इस बीच जनरल स्मट्स महसूस करते हैं कि सत्याग्रह आन्दोलन के कारण लोगोंने काफी कष्ट सहे और अभी तक सह रहे हैं; उसे अब समाप्त कर देना ही अच्छा होगा । उसके जारी रहनेसे स्थिति निरर्थक ही अधिक उलझती है, और जब सरकार भारतीय प्रवासके प्रश्नका सन्तोषजनक हल निकालनेकी कोशिश कर रही है तब भारतीय समाजको अपना आन्दोलन जारी रखकर मामलोंको पेचीदा नहीं बनाना चाहिए । जनरल स्मट्सने इस बातपर ध्यान दिया है कि श्रीमती सोढाकी अपील आगामी शनिवारको ब्लूमफोटोनमें पेश हो रही है और वे मेरी मारफत यह कहला रहे हैं कि श्रीमती सोढाकी ओरसे आपके आवेदनपत्र पर अनुकूल रूपसे विचार किया जा रहा है ।
आपका,
अर्नेस्ट एफ० सी० लेन
गृह मन्त्रीका निजी सचिव
श्री मो० क० गांधी
केप टाउन
मूल अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५४९१ ) की फोटो नकल और 'इंडियन ओपिनियन', २९-४-१९११ से ।
प्राइवेट और व्यक्तिगत
अप्रैल १२, १९११
फौरी
प्रवासी विधेयक । जे० सी० स्मट्सने आज सुबह बताया कि गांधीका कहना है कि यदि चुने गये प्रवासियोंको ऑरेंज फ्री स्टेटमें प्रवेश नहीं दिया गया तो ट्रान्सवालमें सत्याग्रह जारी रहेगा । वे चाहते हैं कि जे० सी० स्मट्स इस विधेयकको वापस लेकर उसकी जगह दूसरा विधेयक लायें, जिसमें प्रवास सम्बन्धी प्रस्ताव केवल ट्रान्सवालपर लागू हों । उनका कहना है कि ऑरेंज फ्री स्टेट द्वारा [ प्रवासियोंका ] बहिष्कार कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता और साथ ही विधेयक केप ऑफ गुड होप तथा नेटालमें नई और गम्भीर कठिनाई पैदा करता है । जे० सी० स्मट्सका कहना है कि वे ऑरेंज फ्री स्टेटके सदस्योंको, जिन्हें अब प्रान्तीय परिषदके एक प्रस्तावका बल भी प्राप्त है, उससे मस नहीं कर सकते । वे कहते हैं कि [ संसदके ] सत्रके इन अन्तिम दिनोंमें नया विधेयक [लाना ] असम्भव है, और किसी भी स्थितिमें ट्रान्सवालको संघसे अलग मानना और उसकी सीमापर प्रवासका एक नया प्रशासन-तन्त्र स्थापित करना असम्भव है । ऐसी परिस्थितियोंमें जे० सी० स्मट्सकी रायमें सबसे अच्छा तरीका इस विधेयकको वापस लेकर अगले वर्ष एक ज्यादा ग्राह्य विधेयक लानेको कोशिश करना है। उनकी राय है कि सत्याग्रह लगभग समाप्तिपर