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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जुलाई १७, शनिवार

प्रातः प्रार्थना करनेसे पहले स्नान करना आरम्भ किया। बा ने देवाकी धोती धोई। धोते हुए पकड़े जानेपर झूठ बोली। में क्रोधको वशमें नहीं कर सका। बहुत बुरा-भला कहा। यदि देवाका रूमाल-तक भी धोये तो चौदह दिन उपवास रखनेका व्रत लिया है। ईश्वर सहायक हो। भाई शंकर ओझा अपने व्यसनको न छोड़नेके कारण चले गये।

जुलाई १९ सोमवार

अनेक भद्र पुरुषोंसे मुलाकात। श्यामलाल आया।

जुलाई २०, मंगलवार

शिवसिंह परमारने सहायताके लिए आना शुरू किया। रेवाशंकरभाई आये।

जुलाई २१, बुधवार

कलेक्टर श्री पेन्टरसे मिल आया। मंगलदास सेठसे मुलाकात।

जुलाई २२, बृहस्पतिवार

रेवाशंकरभाई गये।

जुलाई २४, शनिवार

वाडीलालकी खड्डी देखने गया। मिस्त्रीने काम शुरू किया। तीस दिनोंके ४० रुपये ठहराये हैं।

जुलाई २५, रविवार

न्यायाधीश कैनेडीसे मिला।

जुलाई २६, सोमवार

श्यामलालका भाई आया। नानालाल कवि तथा उसके परिवारकी स्त्रियाँ मिलनेके लिए आईं। मणिलालने वाडीलालकी खड्डीमें जाना आरम्भ किया। बढ़ई आज नहीं आया।

जुलाई २७, मंगलवार, श्रावण बदी १

बढ़ईने छुट्टी ली। वनमाली आया। उसका लड़का साथ है।

जुलाई २८, बुधवार

मंगल दाखिल हुआ।

जुलाई २९, बृहस्पतिवार

कृष्णस्वामी शर्मा आये।

जुलाई ३०, शुक्रवार

वनमाली गया।

जुलाई ३१, शनिवार

माणिकलालने सबको भोज दिया।