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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
अगस्त १३, शुक्रवार
- मोहन सोनी आया।
अगस्त १४, शनिवार
- करुणाशंकर[१] मास्टर आदि मिलनेके लिए आये।
अगस्त १५, रविवार
- करुणाशंकर मास्टर आदि मिलनेके लिए आये।
अगस्त १६, सोमवार
- पालनपुरसे करीमभाई सालवाला आये।
अगस्त १७, मंगलवार
- मूलचन्द परमारने सूचना भेजी कि वे पढ़ाने नहीं आ सकते। रतनसिंह परमारने तनख्वाह माँगी और मना कर दिये जानेपर आना बन्द कर दिया।
अगस्त १८, बुधवार
- आज पाँच विभाग लिये। मगनभाई बीमार पड़ गये। मगनभाईने पार्थसारथीके अपराधके लिए एकाशन किया।
अगस्त १९, बृहस्पतिवार
- अब्दुल करीम सेठ आये। अन्नाने व्रत लिया: ब्रह्मचर्य, सत्य, छः वस्तुएँ ही लेनेका प्रण तथा दूध और उससे बने पदार्थोंका परित्याग। गत रात्रि [भागवतका] एकादश स्कंध पढ़ा।
अगस्त २०, शुक्रवार
- जमनादास और पार्वती आये।
अगस्त २१, शनिवार
- पुरुषोत्तम पटेल और उसका भाई आये। सुन्दरम्ने अपनी भूल स्वीकार की।
अगस्त २२, रविवार
- जमनादास गया।
अगस्त २३, सोमवार
- जमना और पुरुषोत्तम आये।
अगस्त २०, शुक्रवार
- जमनादास और पार्वती आये।
अगस्त २४, मंगलवार
- पुरुषोत्तम [और] भाई वापस धर्मज गये।
अगस्त २५, बुधवार
- बा आदि स्त्रियाँ मंगल सेठके यहाँ गईं ।
- ↑ १. एक अध्यापक; करुणाशंकर गुजरात में डॉ० मेरिया मॉण्टेसरी शिक्षण पद्धति प्रचलित करनेके लिए उत्तरदायी थे।