पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 13.pdf/३९७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

२६८. रैम्जे मैकडॉनल्डको उत्तर[१]

अप्रैल ११, १९१७१[२]

श्री रैम्जे मैकडॉनल्डने कहा है[३] कि यदि श्री गोखले जीवित होते तो वे शायद लोक सेवा आयोग (पब्लिक सर्विस कमिशन) की बहुमतीय रिपोर्टपर हस्ताक्षर कर देते। इसके उत्तरमें हम अपनी व्यक्तिगत साक्षी देना चाहते हैं। श्री गोखलेने इस बारेमें स्वयं ही जो-कुछ कहा था वह हम दोनोंको भलीभांति स्मरण है। उन्होंने कहा था कि यद्यपि आयोगके अन्य सदस्योंको, या कमसे-कम उसके कुछ सदस्योंको, अपने दृष्टिकोणसे सहमत करनेकी आशा मैंने बिल्कुल छोड़ी नहीं है, फिर भी मुझे लगता है कि मुझे अन्तमें बाध्य होकर श्री अब्दुर्रहीमके[४]साथ मिलकर एक अल्पमतीय रिपोर्ट तैयार करनी पड़ेगी।

[अंग्रेजीसे]
मॉर्डन रिव्यू, मई १९१७
 

२६९. पत्र: एल० एफ० मॉर्सहेडको

मार्फत――बाबू गयाप्रसादसिंह
मुजफ्फरपुर
अप्रैल १२, १९१७

प्रिय महोदय,

नीलकी खेतीसे सम्बन्धित काम करनेवाले भारतीयोंकी अवस्थाके बारेमें मैंने बहुत-कुछ सुना है, और इसीलिए, जहाँतक सम्भव हो, वास्तविक स्थितिकी जानकारी स्वयं ही प्राप्त करनेके लिए मैं यहाँ आया हूँ। मैं अपना काम स्थानीय प्रशासनकी जानकारीमें और सम्भव हो तो उसके सहयोगसे करना चाहूँगा। यदि आप मुझे मिलनेका कोई समय देनेकी कृपा करें, तो मैं कृतज्ञ हूँगा। मैं चाहता हूँ कि मैं आपके सम्मुख अपनी

 
  1. १. मोतीहारीमें सी० एफ० ऐन्ड्यूज के गांधीजीसे मिलनेके बाद प्रकाशित किया गया।
  2. २. इसे बॉकीपुरसे असोसिएटड प्रैसने इसी तारीखको प्रेषित किया था।
  3. ३. भारतीय लोक-सेवा-सम्बन्धी शादी कमिशनके सदस्य रैम्जे मैकडॉनल्डने कहा था: “मेरी राय यह है कि उन्होंने [श्री गोखलेने] हमारे साथ हस्ताक्षर कर दिये होते और मतभेदके विस्तृत मुद्दे बताते हुए अपना एक ज्ञापन उसके साथ संयुक्त करके सन्तोष कर लिया होता।”
  4. ४. मद्रास उच्च न्यायालयके न्यायाधीश, आयोगके सदस्य, जिन्होंने एक पृथक टिप्पणी प्रस्तुत की थी।