जाँचका उद्देश्य रख सकूँ और यह जान सकूँ कि मुझे अपने कार्य सम्पादनमें स्थानीय प्रशासनसे कुछ सहायता मिल सकती है या नहीं।
आपका विश्वस्त,
मो० क० गांधी
कमिश्नर
गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी पत्र (नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया) से; सिलैक्ट डॉक्यूमेंटस ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० १३, पृष्ठ ५७ से भी।
२७०. पत्र: एल० एफ० मॉर्सहेडको
मुजफ्फरपुर
अप्रैल १३, १९१७
आज प्रातःकाल मैंने जो वचन दिया था, उसके अनुसार मैं आपको एक पत्र[१] भेज रहा हूँ। यह् पत्र मुझे यहाँ आनेके लिए आमन्त्रित करनेवाले मित्रोंने लिखा था और वे इस समय यहाँ मौजूद हैं।
मैं कदाचित् आपको अपने कार्यका यथार्थ स्वरूप नहीं समझा सका हूँ इसलिए मैं उसे यहाँ फिर बताता हूँ। मुझे मेरे विभिन्न मित्रोंने नील-सम्बन्धी मामलोंके बारेमें जो कुछ बताया है, मैं उसकी सचाईकी जाँच करनेके लिए उत्सुक हूँ और स्वतः यह जानना चाहता हूँ कि मैं कोई उपयोगी सहायता दे सकता हूँ या नहीं। मेरा कार्य सम्मानपूर्ण समझौता कराना है।
हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी
मैं साथमें यह नोट भी भेज रहा हूँ, जो मुझे अभी-अभी बाबू श्री अरिक्षण सिन्हाने दिया है।
मो० क० गांधी
गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी पत्र (नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया) से; सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० १६, पृष्ठ ५९ से भी।
- ↑ १. देखिए परिशिष्ट ३।