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पत्र: जे० पी० एडवर्डको

गई है लेकिन जिला मजिस्ट्रेटका पत्र बताता है कि फैक्टरीके एक बाहरी बँगलेका एक हिस्सा ही आगेसे जला है।

आपका विश्वस्त,
मो० क० गांधी

[अंग्रेजीसे]
सिलॅफ्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० ७९, (ए), (पृष्ठ १३६-१३७) में संकलित बिहारी १७-५-१९१७ के उद्धरणसे।
 

३०८. पत्र: जे० पी० एडवर्डको[१]

बेतिया
मई १७, १९१७

प्रिय महोदय,

रकसौल बाजारके बुटई साहू हलवाई, गुल्ली साहू कानू और भरदुलठा कुर बदईने मुझे उन जमीनोंकी रसीदें दिखाई है जो आपने उन्हें पट्टपर दी हैं। उनका कहना है कि उनके घर जल गये हैं और उन्हें दुबारा घर बनानेसे रोका जा रहा है और उनसे उक्त जमीनोंको खाली करनेके लिए कहा जा रहा है। कृपया बताइए कि उनके कथनमें कुछ सचाई है या नहीं; यदि है तो सूचित करें कि उन्हें घर दुबारा बनानेसे क्यों रोका जा रहा है।

आपका विश्वस्त,
मो० क० गांधी

[अंग्रेजीसे]
सिलॅक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० ७६, पृष्ठ १३३।
 
  1. १. हरदिया कोठी, चम्पारनके प्रबन्धक।
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