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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

नहीं किया जायेगा बल्कि पत्थर मारनेसे कुत्तेको जो दुःख होता है, उसका निजी अनुभव अभियुक्तको कराया जायेगा ।

मैं लिख रहा हूँ और कान्तिलाल दवात लिये हुए हैं। मैं जैसे पत्र लिख रहा हूँ, वैसे-वैसे रामीबेन और कान्तिलाल उसे पढ़ते जाते हैं और सुधार सुझा रहे हैं। अभियुक्त भी पलंगके पास दुबका हुआ है । बीच-बीचमें मनुबाईकी हँसी भी सुनाई पड़ती है । अब तो फिर पलंगपर आनेके लिए रो रही है। यह दृश्य मुझे तुम्हारे और जड़ी बहन आदिके बचपनकी याद दिलाता है ।

यह तो तुम ऊपरसे देख ही सकोगे कि यद्यपि मुझे बिस्तरपर पड़े रहना पड़ता है, फिर भी मेरी तबीयत अच्छी मानी जा सकती है ।

यहाँ सत्याग्रहकी बातें चलती रहती हैं। ये सब बातें तुम्हें महादेवभाई लिखेंगे या मुझसे लिखा जायेगा, तो मैं लिखूंगा ।

बापूके आशीर्वाद

[ गुजराती से ]

महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ५

११४. सत्याग्रह प्रतिज्ञा[१]

अहमदाबाद
फरवरी २४, १९१९

| हमारा अन्तःकरणपूर्वक विश्वास है कि १९१९ के भारतीय दण्ड विधि (संशोधन) विधेयक संख्या १[२] और दण्ड विधि (आपातिक अधिकार) विधेयक संख्या २[३] नामक विधेयक अन्यायपूर्ण, स्वातन्त्र्य तथा न्यायके सिद्धान्त और व्यक्तियोंके बुनियादी अधिकारोंके लिए जिनपर सम्पूर्ण समाज तथा स्वयं राज्यकी सुरक्षाके आधार हैं, घातक तथा विध्वंसकारी हैं। अतः हम संकल्प करते हैं कि यदि इन विधेयकोंको कानूनका रूप दिया गया तो जबतक इनको वापस नहीं ले लिया जायेगा तबतक हम इन और, इसके बाद नियुक्त होनेवाली समिति[४] जिन्हें इस योग्य समझेगी, ऐसे अन्य कानूनोंकी सविनय अवज्ञा करते रहेंगे और साथ ही हम संकल्प करते हैं कि इस संघर्षमें हम पूरी निष्ठाके साथ सत्यका पालन करेंगे

  1. इस प्रतिज्ञाका मसविदा २४-२-१९१९ को तैयार किया गया था और साबरमती आश्रममें हुई समामें उपस्थित व्यक्तियोंने इसपर हस्ताक्षर किए थे।
  2. इंडियन क्रिमिनल लॉ ( अमेण्डमेंड ) बिल सं० १।
  3. क्रिमिनल लॉ ( इमर्जेन्सी पावर्स ) बिल सं० २।
  4. इस समिति द्वारा अवज्ञाके लिए चुने गये कानूनोंके लिए देखिए “सविनय अवज्ञा के लिए कानून ", ७-४-१९१९।