पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/१३६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१०६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

करें । बड़ी अनिच्छासे यह भी कह रहा हूँ कि प्रतिकूल उत्तर मिलनेपर प्रतिज्ञा जरूर प्रकाशित की जायेगी और उसपर ज्यादासे- ज्यादा हस्ताक्षर कराये जायेंगे । मैं इस प्रस्तावित कदमकी गम्भीरतासे अवगत हूँ । किन्तु यह अधिक अच्छा है कि लोग जो अपने मनमें सोचते हैं उसे वे खुले आम कहें और परिणामोंके प्रति निर्भय होकर अपने अन्तःकरणके आदेशका पालन करें क्या मैं शीघ्र उत्तर की आशा कर सकता हूँ ?

नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया : होम : पॉलिटिकल - ए: मार्च १९१९ : सं० २५० तथा टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६४३४) की फोटो नकलसे ।

११६. सत्याग्रह

[ फरवरी २५, १९१९]

प्रत्येक मनुष्यके सम्मुख संकट निवारणके लिये दो बल हैं, एक शस्त्र बल और दूसरा आत्म-बल किंवा सत्याग्रह । भारतवर्षकी सभ्यताका रक्षण केवल सत्याग्रह हि से हो सकता है ।

मोहनदास गांधी

महादेव देसाईके अक्षरोंमें प्राप्त मूल पत्र (एस० एन० ६४३६) की फोटो नकलसे ।

११७. तार : मदनमोहन मालवीयको'

[ फरवरी २५, १९१९]

शिष्टमण्डलके प्रति उत्साह और विश्वास नहीं । रौलट विधेयक सारी प्रगति रोके खड़े हैं।

गांधी

[ अंग्रेजीसे ]
लीडर, २७-२-१९१९

१. उसी पन्नेपर लिखा हुआ मिला है जिसपर पिछला शीर्षक; अतः इसकी तारीख वही मान ली गयी है ।

२. यह भी महादेव देसाईके अक्षरोंमें है ।

३. इस पूछताछ उत्तरमें कि गांधीजी कांग्रेस शिष्टमण्डलके सदस्यके रूपमें कब इंग्लैंड जायेंगे, यह तार भेजा गया था । २६-२-१९१९ के न्यू इंडिया में प्रकाशित यह तार “मुझे विश्वास नहीं..." इन शब्दोंके साथ प्रारम्भ होता है । न्यू इंडिया और लीडर दोनोंने यह समाचार दिल्लीसे प्राप्त किया था, जिसपर २५-२-१९१९ की तारीख पड़ी थी ।