अध्याय २ : विधान
६. ऐसा कोई भी व्यक्ति सभाका सदस्य बन सकता है जिसने सत्याग्रहके प्रतिज्ञापत्रपर हस्ताक्षर कर दिये हैं, (संलग्न अनुसूची "अ" ) जिसकी उम्र १८ साल हो चुकी है, जो किसी स्कूल या कॉलेजका विद्यार्थी नहीं है और जिसकी शिनाख्त सभाके एक ऐसे सदस्य द्वारा करा ली गई है, जिसको कार्य कारिणी समितिने इस कामके लिए अधिकृत किया है ।
७. सभाका एक अध्यक्ष, अधिकसे-अधिक तीन उपाध्यक्ष, तीन अवैतनिक मन्त्री तथा दो अवैतनिक कोषाध्यक्ष होंगे। इन सबकी नियुक्ति चुनाव द्वारा होगी ।
८. सभाका अध्यक्ष कार्यकारिणी समितिका पदेन सभापति होगा। कार्यकारिणी समिति अपना उपसभापति स्वयं नियुक्त करेगी ।
९. कार्यकारिणी समितिमें ५० से अधिक सदस्य नहीं होंगे। इनमें सभापति तथा उपसभापति, जिनकी संख्या तीनसे अधिक नहीं होगी, भी शामिल होंगे। सभाके पदाधिकारी कार्यकारिणी समितिके पदेन सदस्य होंगे
१०. सभाके अवैतनिक मन्त्री कार्यकारिणी समितिके पदेन मन्त्री होंगे ।
अध्याय ३ : कार्यकारिणी समितिके अधिकार और कर्त्तव्य
११. सभाकी सब पुस्तकें, फाइलें, रजिस्टर इत्यादि इस समितिके अधिकारमें रहेंगे । सभाका सब धन भी उसके अधिकारमें होगा ।
१२. इस समितिको समय-समयपर इस बातपर विचार तथा निर्णय करनेका अधिकार होगा कि प्रतिज्ञापत्र (अनुसूची "अ" ) को कार्यान्वित करनेके लिए कौन-कौनसे कदम उठाने चाहिए।"[१]
१३. कार्यकारिणी समितिको सभाके उद्देश्योंकी पूर्ति के लिए जो भी काम आवश्यक हो वह करनेका अधिकार होगा ।
१४. समितिको पूरे बम्बई प्रान्तमें सभाकी शाखाएँ खोलने तथा उन्हें मान्यता देनेका अधिकार होगा । वह भारतके अन्य भागोंमें स्थापित सत्याग्रह समितियों और सत्याग्रह संघोंके साथ जिनके उद्देश्य इस समितिके उद्देश्योंसे मिलते-जुलते हों, सहयोग कर सकती है।
१५. समितिकी बैठकें[२] सप्ताह में कमसे कम एक बार अवश्य हुआ करेंगी, किन्तु यदि अवैतनिक मन्त्री आवश्यक बैठकके रूपमें बुलायें तो ज्यादा बैठकें भी हो सकती हैं। अगर समितिके तीन या तीनसे अधिक सदस्य माँग पेश करें और विशेष बैठक बुलानेका मतलब सूचित करें तो भी समितिकी खास बैठक बुलाई जा सकती है ।