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भाषण : नागापट्टनम में

सकते हैं। तीसरा सुझाव यह है कि उस दिन सम्पूर्ण भारतके गाँव-गाँवमें रौलट कानूनका विरोध करते हुए सभाएँ की जायें और भारत-मन्त्रीसे माँग की जाये कि वे इस कानूनको रद कर दें । इन तीनों सुझावोंका उद्देश्य आत्म-निषेध, आत्मानुशासन और लोगोंको शिक्षित करना है । उपवासमें हमें उम्मीद है कि हमारी महिलाएँ, हमारे नौकर-चाकर तथा सभी लोग सम्मिलित होंगे । यदि आप मेरे नम्र सुझावोंको स्वीकार करते हैं, तो मुझे आशा है कि आप उनपर उसी भावनाके साथ अमल करेंगे जिस भावनाके साथ मैंने उन्हें आपके सामने रखा है । आपने मेरे स्वास्थ्यका ध्यान रखते हुए कृपापूर्वक तालियाँ नहीं पीटी, सीटियाँ नहीं बजाईं और मेरे भाषणके दौरान किसी प्रकारका शोरपूर्ण प्रदर्शन नहीं किया । मैं आपसे अनुरोध करूँगा कि ऐसा ही आदरभाव आप सभी सत्याग्रहियोंके प्रति रखें । यदि आप ताली बजाकर, या 'शर्म, शर्म' या 'वाह-वाह' चिल्लाकर अपना ध्यान इधर-उधर नहीं भटकायेंगे तो आपके सामने जो बात कही जा रही है उसपर ज्यादा अच्छी तरह ध्यान दे सकेंगे । यही नहीं, बोलनेवालेके विचारोंका सिलसिला भी भंग नहीं होगा । मैं तो यहाँ तक सुझाव दूंगा कि हमारी सभी सभाओंमें, चाहे वह सत्याग्रहियोंकी सभा हो या कोई और, आधुनिक प्रदर्शनका यह तरीका बिलकुल नहीं अपनाना चाहिए । लेकिन मेरी सलाहको सभी सभाओंके लिए ठीक मानें या नहीं, मुझे आशा है कि सत्याग्रहकी सभाओंके मामलेमें आप इसे मानेंगे । हमारे पास एकमात्र शस्त्र यही है कि हम सत्य और आत्म-बलिदानका सहारा लें । मैं आशा करता हूँ कि आप सदैव इसी और केवल इसी शस्त्रका सहारा लेंगे । आपने जिस धैर्यके साथ मेरी बातें सुनीं, उसके लिए मैं हार्दिक धन्यवाद देता हूँ । मैं ईश्वरसे प्रार्थना करता हूँ कि हमने जो पवित्र काम हाथमें लिया है उसे पूरा करनेकी आपको शक्ति दे ।

[ अंग्रेजीसे ]

हिन्दू, २-४-१९१९


१५८. भाषण : नागापट्टनम में

मार्च २९, १९१९

अध्यक्ष महोदय और मित्रो,

मैं आपसे फिर एक बार माफी माँगता हूँ कि मैं कमजोरीके कारण खड़े रहकर नहीं बोल सकता। मुझे इस बातका भी दुःख है कि आपसे अत्यन्त सुन्दर तमिल भाषा में नहीं बोल सकता। मुझे इस बातका खेद है कि आपमें से अधिकांश लोग हिन्दी नहीं जानते और इस कारण मैं आपसे राष्ट्रभाषामें भी नहीं बोल सकता। आपने आज मुझे जो सुन्दर अभिनन्दन भेंट किया उसके लिए मैं धन्यवाद देता हूँ । यदि आपका अभिनन्दन तमिल में लिखा होता तो मैं और अधिक आभारी होता । आप उसके साथ उसका हिन्दी या अंग्रेजीमें अनुवाद दे सकते थे, और न