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२०१. सत्याग्रह माला ३[१]



११-४-१९१९

सत्याग्रहियों और हमदर्दोको महात्मा गांधीकी चेतावनी शुक्रवार, १२ अप्रैल,[२]१९१९ को महात्मा गांधीने चौपाटी समुद्र-तटपर हुई विराट् सार्वजनिक सभामें एकत्र सत्याग्रहियों और हमदर्दीको निम्न चेतावनी दी:

भाइयो और बहनो,

यह अवसर अभी कुछ समय पीछेकी बातोंपर विचार करनेका नहीं है। लेकिन जो बात अभी-अभी हुई है, उसकी चर्चा मुझे करनी ही चाहिए। आप देखते हैं कि सरकारने मुझे छोड़ दिया है। में दो दिन कैदमें रहा, लेकिन वह मेरे लिए कैद नहीं थी स्वर्ग-समान थी। मैं जिन अधिकारियोंके जिम्मे था, उन्होंने मेरी सुविधाओंका अत्यधिक ध्यान रखा, मेरे प्रति बहुत सज्जनताका व्यवहार किया। मैंने जो कुछ चाहा, सब-कुछ मुहैया कर दिया गया और मैं बाहर जितनी सुख-सुविधाओंका आदी हूँ उससे बहुत अधिक सुख-सुविधाएँ मुझे दी गईं। इसलिए मैं समझ नहीं पाता हूँ कि मेरी नजरबन्दीपर इतनी उत्तेजना क्यों दिखाई गई, इतनी अशान्ति क्यों फैली । यह सत्याग्रह नहीं है। यह तो दुराग्रहसे भी बुरा है।

जो सत्याग्रहमें शरीक होते हैं उन्हें हर हालत में हिंसासे अलग रहना है। ईंट-पत्थर नहीं फेंकने हैं और न किसीको किसी अन्य प्रकारसे चोट पहुँचानी है। लेकिन बम्बई में तो हमने ईंट-पत्थर फेंके, और रास्तेमें आड़-अटकाव खड़ा करके ट्रामोंका आना-जाना रोका। यह सत्याग्रह नहीं है।

हमने हिंसाके अपराधमें गिरफ्तार किये गये लगभग ५० आदमियोंको छोड़ देनेकी माँग की। हमारा कर्त्तव्य तो यह है कि हम गिरफ्तारीको चुपचाप स्वीकार कर लें। जिन लोगोंने हिंसात्मक कार्रवाई की है, उन्हें छुड़वानेकी कोशिश करना धर्म[३]या कर्त्तव्य से विमुख होना है। इसलिए पकड़े हुए लोगोंको छोड़नेकी माँग तो हम किसी भी तरह कर ही नहीं सकते।

मुझसे पूछा गया है कि सत्याग्रही सत्याग्रह आन्दोलनसे उत्पन्न परिणामोंके लिए जिम्मेदार हैं या नहीं। मैंने उत्तर दिया है कि वे जिम्मेदार हैं। इसलिए मैं उन्हें कह देना चाहता हूँ कि अगर हम इस लड़ाईको हिंसासे बिलकुल अलग रहकर नहीं चला सकते हों, तो लड़ाई बन्द कर देनी पड़ सकती है या उसे दूसरा ही तथा और भी अधिक

  1. १. मूलमें "सत्याग्रह सीरीज : सं० ३" है । 'सत्याग्रह माला - १' के लिए देखिए परिशिष्ट २ और 'सत्याग्रह माला - २' के लिए देखिए “हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतिज्ञा", ८-४-१९१९
  2. २. यहाँ तारीख ११ अप्रैलके बजाय १२ अप्रैल भूलसे हो गई है। शुक्रवार ११ तारीखको पड़ा था।
  3. ३. मूलमें ये वाक्य रेखांकित है।