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२२४. प्रस्ताव : हिन्दी साहित्य सम्मेलनमें

बम्बई
अप्रैल १९, १९१९

मैं माननीय मदनमोहन मालवीयको इस सम्मेलनका सभापति निर्वाचित करनेका प्रस्ताव करता हूँ । भारतवर्ष में ऐसा कौन है, जो पंडितजीको नहीं जानता ? पंडितजी भारतके एक बड़े भारी नेता हैं । आपने अपने देशकी बहुत भारी सेवा की है। राष्ट्रीय भाषाकी सेवामें भी आप सबसे आगे बढ़े हुए हैं। मैं समझता हूँ, आपके हाथमें सेवाकी जो शक्ति है, वह दूसरेके हाथमें नहीं है । उत्तर भारतके बाहर सम्मेलनका यह पहला अधिवेशन है । इस अधिवेशनका सभापतित्व माननीय पंडितजीको ही देना चाहिए, इससे कार्यमें पूर्ण सफलता होगी।

नवम हिन्दी साहित्य सम्मेलनका कार्य-विवरण--भाग १

२२५. अपील : हिन्दी साहित्य सम्मेलनमें चन्देके लिए

बम्बई
अप्रैल २०, १९१९

हिन्दी साहित्य सम्मेलनकी प्रवृत्तियाँ अनेक हैं। मुख्य प्रवृत्ति साहित्यका प्रचार, हिन्दी-साहित्य में परीक्षा लेना और उपाधियाँ देना, और उत्तर हिन्दुस्तान व बाहर हिन्दी का प्रचार करना है। इन कार्यों में धनकी आवश्यकता रहती है। गत अधिवेशनमें इन्दौर में प्रायः रुपये ३०,००० तीस हजार भरे गये थे । मेरी उम्मीद है कि बम्बई भी इस बड़े कार्य में हिस्सा लेगा । बम्बई में बड़े धनिक आदमी रहते हैं । मेरी उम्मीद है, बम्बईके भाई लोग इस राष्ट्रीय कार्यमें पूरा हिस्सा लेंगे ।

नवम हिन्दी साहित्य सम्मेलनका कार्य-विवरणभाग १